मोरबी पुल हादसे में भाजपा सांसद के 12 परिजनों की भी मौत, पांच बच्चे शामिल
क्या है खबर?
मोरबी पुल हादसे में गुजरात के राजकोट से भाजपा के सांसद मोहनभाई कल्याणजी कुंदरिया के परिजनों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है।
कुंदरिया ने बताया कि हादसे में उनके परिवार के 12 सदस्यों की जान गई है जिनमें बच्चे भी शामिल हैं।
भाजपा सांसद ने मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मामले पर करीबी नजर रखे हुए हैं।
इंटरव्यू
सांसद की बहन के परिवार से थे जान गंवाने वाले परिजन
हादसे पर इंडिया टुडे से बात करते हुए कुंदरिया ने कहा, "इस दुर्घटना में मैंने अपने परिवार के 12 सदस्यों को खो दिया है, जिनमें पांच बच्चे भी शामिल हैं। मैंने अपने जिन परिजनों को खोया है, वो मेरी बहन के परिवार से थे।"
उन्होंने बताया कि घटना में बचने वाले सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और नदी में डूबे लोगों के शव निकालने के लिए अभियान जारी है।
बयान
दोषियों को दी जाएगी सख्त सजा- कुंदरिया
पुल को आम जनता के लिए खोलने की अनुमति से संबंधित सवाल के जवाब में कुंदरिया ने कहा, "ये त्रासदी कैसे हुई, इसका पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। इसमें जो लोग जिम्मेदार पाए जाएंगे, उन्हें सजा दी जाएगी।" गुजरात सरकार ने जांच के लिए एक पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन कर भी दिया है।
कुंदरिया ने यह भी बताया कि मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
पृष्ठभूमि
अधिक भीड़ के कारण हुआ हादसा, 141 की मौत
मोरबी में यह हादसा रविवार शाम लगभग 6:42 बजे हुआ। मच्छू नदी पर बने अंग्रेजों के जमाने के पुल पर छठ पूजा के लिए सैकड़ों लोग जमा हो गए थे, जिसके कारण पुल की एक तरफ की केबल टूट गई और यह पानी में गिर गया।
पुल टूटने पर सैकड़ों लोग भी नदी में गिर गए, जिनमें से 141 की मौत हो गई और लगभग 177 लोग घायल हुए हैं।
हादसे के समय पुल पर लगभग 400 लोग थे।
आरोप
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट और अनुमति के खोल दिया गया था पुल
मोरबी नगर निगम ने हादसे का दोष सरकारी ठेके के तहत पुल की मरम्मत करने वाली ओरेवा नामक एक प्राइवेट कंपनी पर मढ़ा है। नगर निगम का कहना है कि मरम्मत पूरी करने के बाद कंपनी ने फिटनेस सर्टिफिकेट और अनुमति के बिना ही पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया।
आरोप है कि कंपनी को समझौते के तहत पुल को 8-12 महीने बंद रखना था, लेकिन उसने सात महीने बाद ही इसे जनता के लिए खोल दिया।
पुराना पुल
लगभग 140 साल पुराना था पुल
बता दें कि हादसे का शिकार हुआ मोरबी का यह पुल 140 साल से ज्यादा पुराना था और 20 फरवरी, 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने इसका उद्घाटन किया था।
765 फुट लंबा यह पुल पिछले सात महीने से बंद था और दिवाली से पहले 2 करोड़ रुपये में मरम्मत के बाद 26 अक्टूबर को इसे आम जनता के लिए खोला गया था।
छठ पूजा पर टिकट लेकर पुल पर जाने का इंतजाम किया गया था।