
अमेरिका ने कहा- कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है रूस; बाइडन ने बुलाई बैठक
क्या है खबर?
अमेरिका ने कहा है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने आज इस संबंध में अपने शीर्ष सलाहकारों की बैठक बुलाई है।
अमेरिका का समर्थन करते हुए यूनाइडेट किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी कहा है कि रूस 1945 के बाद यूरोप में सबसे बड़े युद्ध की तैयारी कर रहा है।
युद्ध के बादलों के बीच G-7 समूह के विदेश मंत्रियों ने भी स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
बयान
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बाइडन को दी स्थिति की सूचना
व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने उन्हें जानकारी दी कि उन्हें अभी भी लगता है कि रुस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
बयान के अनुसार, ये जानकारी मिलने के बाद बाइडन ने संकट पर विचार-विमर्श करने के लिए अपने शीर्ष सहयोगियों की बैठक बुलाई है।
रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि रूस ने अपने सैनिकों को सीमा के करीब भेजना शुरू कर दिया है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री
जॉनसन बोले- यूक्रेन की राजधानी कीव को घेरने की योजना बना रहा रूस
UK के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी अमेरिका जैसी बात कहते हुए युद्ध की आशंका व्यक्त की है।
BBC से बात करते हुए जॉनसन ने कहा, "जो तैयारी हम देख रहे हैं, वो कुछ ऐसी है कि 1945 के बाद यूरोप में सबसे बड़ी जंग हो सकती है। पूर्व के रास्ते से डोनबास क्षेत्र से हमले की संभावना को देखा जा रहा है... हमला बेलारूस के रास्ते भी हो सकता है जिससे राजधानी कीव को घेरा जा सके।"
बयान
रूस को भी अपने लोगों की जान गंवानी पड़ सकती है- जॉनसन
जॉनसन ने आगे कहा, "रूस ने युद्ध की तैयारियों को कुछ मायनों में अंजाम देना शुरू कर दिया है... ये समझने की ज़रूरत है कि इससे न सिर्फ यूक्रेन बल्कि रूस को भी भारी संख्या में अपने लोगों की जान गंवानी पड़ सकती है।"
G-7 समूह
G-7 समूह ने कहा- रूस के सैन्य गतिविधि घटाने के कोई सबूत नहीं
अमेरिका और UK के इन बयानों के बीच G-7 समूह के विदेश मंत्रियों ने भी स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि रूस इलाके में अपनी सैन्य गतिविधियों को कम कर रहा है। उन्होंने रूस से संकट के समाधान के लिए कूटनीति का रास्ता चुनने का अनुरोध भी किया है।
विदेश मंत्रियों ने उम्मीद जताई कि रूस अपने वादे के अनुसार अपनी सैन्य गतिविधियों को कम करेगा।
सैन्य अभ्यास
रूस के रणनीतिक परमाणु बलों ने किया सैन्य अभ्यास
गौरतलब है कि अमेरिका, ब्रिटेन और G-7 समूह की तरफ से ये बयान ऐसे समय पर आए हैं जब शनिवार को रूस के रणनीतिक परमाणु बलों ने सैन्य अभ्यास किया।
इस अभ्यास में हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइलों को सफल परीक्षण किया गया। खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक 'सिचुएशन केंद्र' से इस अभ्यास पर निगरानी रखी।
रूस ने यूक्रेन के दो गोले उसके इलाके में गिरने का आरोप भी लगाया है।
यूक्रेन
यूक्रेन के पश्चिमी देशों से मांगी सुरक्षा गारंटी
इस बढ़ते संकट के बीच यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से 'लगभग टूट चुके' वैश्विक सुरक्षा ढांचे को ठीक करने की सुरक्षा गारंटी मांगी है।
शनिवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में बोलते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने रूस पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की।
उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पुतिन क्या सोच रहे हैं, लेकिन वह उनका पक्ष जानने के लिए उनसे मिलने को तैयार हैं।
पृष्ठभूमि
यूक्रेन को लेकर क्यों बना हुआ है तनाव?
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं।
दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है।
रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।