भारत के 'स्टील मैन' जमशेद ईरानी का 86 साल की उम्र में निधन
भारत के 'स्टील मैन' के नाम से प्रसिद्ध टाटा स्टील के पूर्व अध्यक्ष जमशेद जी ईरानी का सोमवार रात को 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने झारखंड के जमशेदपुर में रात लगभग 10 बजे अंतिम सांस ली। बयान जारी कर इसकी जानकारी देते हुए टाटा स्टील ने कहा कि उनके निधन से टाटा समूह बेहद दुखी है और उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जाएगा। उनके परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं।
नागपुर में हुआ था जमशेद ईरानी का जन्म
जमशेद जीजी ईरानी का जन्म 2 जून, 1936 में महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। उनके पिता का जीजी ईरानी और मां का नाम खोरशेद ईरानी था। जमशेद ने नागपुर के साइंस कॉलेज से 1956 में ग्रेजुएशन की और फिर 1958 में नागपुर यूनिवर्सिटी से भूविज्ञान में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह जमशेदजी टाटा स्कॉलरशिप पर यूनाइटेड किंगडम (UK) की शेफील्ड यूनिवर्सिटी गए। यहां से उन्होंने धातु विज्ञान में 1960 में मास्टर्स और 1963 में PhD की।
ईरानी ने ब्रिटिश कंपनी से की थी करियर की शुरूआत
जमशेद ईरानी ने अपने पेशेवर करियर की शुरूआत 1963 में शेफील्ड में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च असोसिएशन के साथ की। हालांकि उनमें देश की सेवा करने और उसके विकास में योगदान देने का ऐसा जुनून था कि वह जल्द ही भारत वापस आ गए और 1968 में शोध और विकास निदेशक के सहायक के तौर पर टाटा स्टील के साथ जुड़ गए। इसके बाद वह इस कंपनी में तेजी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए।
टाटा स्टील में कैसा रहा जमशेद ईरानी का सफर?
टाटा स्टील में बतौर सहायक शुरूआत करने वाले जमशेद ईरानी 1978 में कंपनी के जनरल सुपरिटेंडेंट और 1979 में जनरल मैनेजर बन गए। 1981 में वह कंपनी के बोर्ड में शामिल हुए और 1985 में उन्हें कंपनी का अध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद 1988 में वह टाटा स्टील के जॉइंट प्रबंधक निदेशक बन गए। अंत में 1992 में वह कंपनी के प्रबंधन निदेशक बने और 2011 में रिटायर होने तक इसी पद पर रहे।
टाटा समूह की अन्य कंपनियों के निदेशक भी रहे ईरानी
ईरानी 2001 से 2011 तक टाटा स्टील के गैर-कार्यकारी निदेशक भी रहे। वह टाटा स्टील के अलावा टाटा मोटर्स और टाटा टेलीसर्विसेज जैसी टाटा समूह की अन्य कंपनियों के निदेशक भी रहे। ईरानी 1992-93 में कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
ईरानी के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों तक पहुंची टाटा स्टील
ईरानी के नेतृत्व में टाटा स्टील ने नई ऊंचाइयों को छुआ और सामान की गुणवत्ता और ग्राहकों की संतुष्टि पर ज्यादा ध्यान दिया। उनके नेतृत्व में टाटा स्टील ने ऐसे उत्पादक के तौर पर अपनी पहचान बनाई जिसकी सबसे कम कीमत वाली स्टील गुणवत्ता के मामले में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में किसी से कम नहीं थी। अभी टाटा स्टील भारत की नंबर एक स्टील निर्माता कंपनी है। इसी योगदान के कारण ईरानी को भारत का 'स्टील मैन' कहा जाता था।
पद्म भूषण समेत कई पुरस्कारों से नवाजे गए थे ईरानी
ईरानी कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किए गए थे। स्टील उद्योग में उनकी सेवाओं के लिए भारत सरकार ने 2007 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था। इसके अलावा धातु विज्ञान में उनके योगदान के लिए 2008 में सरकार ने उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा था। वह 2004 में नया कंपनीज एक्ट बनाने के लिए गठित की गई विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष भी रहे। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने भी उन्हें 1997 में नाइटहुड से सम्मानित किया था।