मोरबी हादसा: बिना फिटनेस सर्टिफिकेट और अनुमति के जनता के लिए खोला गया था पुल
गुजरात के मोरबी में रविवार को पुल टूटने से हुए हादसे में 141 लोगों की मौत हो गई है, वहीं लगभग 177 लोग घायल हुए हैं। दो लोग लापता हैं। छठ पूजा पर अधिक लोगों के पुल पर जमा होने के कारण ये हादसा हुआ। मोरबी नगर निगम ने हादसे की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है और एक प्राइवेट कंपनी पर बिना फिटनेस सर्टिफिकेट लिए पुल को आम जनता के लिए खोलने का आरोप लगाया है।
ओरेवा समूह ने की थी पुल की मरम्मत, बिना जांच के खोला पुल- नगर निगम अध्यक्ष
मोरबी नगर निगम के अध्यक्ष संदीप सिंह जाला ने NDTV से बात करते हुए कहा कि ओरेवा नामक एक प्राइवेट कंपनी को इस पुल की मरम्मत करने का सरकारी ठेका दिया गया था और कंपनी ने मरम्मत करने के बाद बिना नगर निगम को सूचित किए पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया। उन्होंने बताया, "ओरेवा समूह को मरम्मत की जानकारी देनी थी और पुल खोलने से पहले इसकी गुणवत्ता जांच करानी थी। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।"
कंपनी ने तय समय से पहले आम जनता के लिए खोला पुल
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, पुल को तय समय से पहले आम जनता के लिए खोला गया था। मोरबी नगर निगम और ओरेवा की मालिकाना कंपनी अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार, पुल को मरम्मत के लिए आठ से 12 महीने के लिए बंद रखा जाना था। लेकिन इसे सात महीने के अंदर 26 अक्टूबर को ही जनता के लिए खोल दिया गया। इस पर जाने के लिए 17 रुपये का शुल्क लिया जा रहा था।
लोगों के शिकायत करने पर भी टिकट बेच रहे कर्मचारियों ने नहीं दिया ध्यान
नगर निगम ने पुल को आम लोगों के लिए खोले जाने की सूचना होने से भी इनकार किया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने भी पुल पर जाने की टिकट बेच रहे कर्मचारियों की लापरवाही की जानकारी दी है। मौक पर मौजूद रहे कुछ लोगों ने बताया कि पुल पर मात्रा से अधिक भीड़ जमा होने और कुछ लोगों के पुल को हिलाने पर उन्होंने टिकट बेच रहे कंपनी के कर्मचारियों से इसकी शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया।
लगभग 140 साल पुराना था पुल
गौरतलब है कि हादसे का शिकार हुआ मोरबी का यह पुल 140 साल से ज्यादा पुराना है और 20 फरवरी, 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने इसका उद्घाटन किया था। 765 फुट लंबा यह पुल पिछले सात महीने से बंद था और दिवाली से पहले 2 करोड़ रुपये में मरम्मत के बाद 26 अक्टूबर को इसे आम जनता के लिए खोला गया था। छठ पूजा पर टिकट लेकर पुल पर जाने का इंतजाम किया गया था।
प्रधानमंत्री समेत तमाम नेताओं ने जताया घटना पर दुख, मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत तमाम नेता इस घटना पर दुख व्यक्त कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50,000, 50,000 रुपये का मुआजवा देने का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50,000, 50,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
हादसे के बावजूद गुजरात में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम जारी
पहले खबर आई थी कि हादसे के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। हालांकि वह एकता नगर में वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर फूल अर्पण करने पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, "मैं एकता नगर में हूं, लेकिन मेरा मन मोरबी के पीड़ितों की तरफ है। शायद ही मैंने अपने जीवन में इस तरह के दर्द का अनुभव किया हो। एक तरफ दर्द से भरा दिल है और दूसरा तरफ कर्तव्य पथ है।"