SCO सम्मेलन में मोदी और पुतिन की मुलाकात, प्रधानमंत्री बोले- आज का युग युद्ध का नहीं
उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से करीब एक घंटे मुलाकात कर विस्तार से चर्चा की। इसमें उन्होंने इशारों ही इशारों में राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध को लेकर बड़ा सुझाव भी दे दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह युग युद्ध का नहीं है। वर्तमान में लोकतंत्र, कूटनीति और संवाद से ही दुनिया को सही संदेश दिया जा सकता है।
दुनिया के सामने है खाद्य और ईंधन की सुरक्षा की समस्या- मोदी
राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज भी दुनिया और खासकर विकासशील देशों के सामने खाद्य सुरक्षा, ईंधन की सुरक्षा और उर्वरक जैसी बड़ी समस्याएं खड़ी हैं। हमें इनके लिए रास्ते निकालने होंगे। आपको भी इन्हें लेकर पहल करनी होगी।" उन्होंने कहा, "आज का युग युद्ध का नहीं है। लोकतंत्र, कूटनीति और संवाद से ही दुनिया को सही संदेश दिया जा सकता है। इसके लिए आगे बढ़ना होगा।"
हम चाहते हैं युद्ध की जल्द समाप्ति- पुतिन
प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव पर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, "मैं यूक्रेन से जारी युद्ध पर आपकी स्थिति और चिंताओं से वाकिफ हूं। हम भी चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो। हम आपको वहां क्या हो रहा है, इसकी जानकारी देते रहेंगे।" उन्होंने कहा , "भारत की तरफ से की गई उर्वरक की मांग को हम पूरा करेंगे और ऊर्जा के क्षेत्र में आवश्यक मदद करेंगे। इसी तरह भारत-रूस को वीजा फ्री टूरिज्म पर विचार करना चाहिए।"
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया रूस और यूक्रेन का आभार
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं आपका और यूक्रेन का आभार व्यक्त करना चाहूंगा। आपकी मदद से युद्ध के दौरान हम अपने छात्रों को खतरे के बीच से बाहर निकाल पाए।" उन्होंने कहा, "हम एक ऐसे मित्र रहे हैं जो पिछले कई दशकों से साथ हैं। 2001 में आपसे पहली बार मिला तब मैं एक मुख्यमंत्री था। तब से लगातार हमारी दोस्ती बढ़ती जा रही है।" इस दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को रूस की यात्रा का निमंत्रण भी दिया।
भारत को बनाना चाहते हैं मैन्युफैक्चरिंग हब- मोदी
रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने SCO की बैठक में हिस्सा लिया। इसमें उन्होंने कहा कि वह भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहते हैं। इसके लिए वह स्टार्ट-अप और नवाचार पर एक विशेष कार्य समूह का गठन करेंगे और SCO सदस्यों के साथ अपने निष्कर्ष साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में वर्तमान में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। ये देश के लिए बड़ी उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन नेताओं से भी की मुलाकात
SCO बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन भी मुलाकात की। इसमें उन्होंने सहयोगी राष्ट्रों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने पर चर्चा की। हालांकि, इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से दूरी बनाकर रखी और उनकी मुलाकात पर आखिर तक संशय बना रहा।
भारत की अध्यक्षता में होगा अगला SCO शिखर सम्मलेन
SCO के इस शिखर सम्मलेन की बड़ी बात यह रही कि अगले साल होने वाले सम्मलेन के लिए इसकी अध्यक्षता भारत को सौंपी गई है। इसका सीधा मतलब है कि अगला SCO शिखर सम्मलेन भारत में ही होगा। चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग इसको लेकर भारत को बधाई भी दी है। उन्होंने कहा कि चीन अगले साल सम्मेलन आयोजित करने में भारत की मदद करेगा। इसी तरह अन्य सदस्य देशों ने भारत को इस उपलब्धि के लिए बधाइयां दी हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है। इसका गठन 2001 में हुआ था और यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है, जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखना है। फिलहाल चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान समेत आठ देश इसके सदस्य है। इस बार इसमें दो नए सदस्य देश जुड़ सकते हैं। इसके अलावा चार देशों के पास ऑब्जर्वर स्टेट और छह देशों के पास डायलॉग पार्टनर का दर्जा है।