मोरबी पुल हादसा: अभी भी 100 लोग लापता, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
क्या है खबर?
गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को मच्छू नदी पर बने केबल सस्पेंशन पुल के गिरने के बाद शुरू किए गए राहत और बचाव अभियान को प्रशासन ने सोमवार शाम को रोक दिया। इसे मंगलवार सुबह फिर से शुरू किया जाएगा।
रात में कम रोशनी की समस्या के चलते प्रशासन ने यह कदम उठाया है। हालांकि, अभी भी 100 लोगों के पानी में फंसे होने की आशंका है।
आइये जानते हैं कि इस हादसे में अब तक क्या-क्या हुआ है।
पृष्ठभूमि
मोरबी में कैसे हुआ हादसा?
पुल पर छठ पूजा कारण क्षमता से अधिक भीड़ होने के चलते एक तरफ की केबल टूट गई थी।
इससे पुल पर मौजूद करीब 450 लोग नदी में गिर गए। इस हादसे में 141 लोगों की मौत हो गई।
यह पुल मरम्मत कार्य के चलते सात महीनों से बंद था और 26 अक्टूबर को ही लोगों के लिए खोला गया था।
हादसे के बाद पुलिस, NDRF, SDRF, भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की टीमें बचाव कार्यों में जुटी हुई है।
अनुमति
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट और अनुमति के खोला गया था पुल
पुल के मोरबी नगर निगम की संपत्ति होने के बाद भी उसने पूरी जिम्मेदारी मरम्मत कार्य करने वाली कंपनी पर डाल दी।
नगर निगम अध्यक्ष संदीप जाला का कहना है कि ओरेवा नामक एक प्राइवेट कंपनी को पुल की मरम्मत का ठेका दिया गया था। कंपनी ने मरम्मत के बाद बिना सूचना दिए पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया।
उन्होंने कहा कि पुल की गुणवत्ता जांच होनी थी, लेकिन कंपनी ने बिना फिटनेस सर्टिफिकेट ही पुल खोल दिया।
कार्रवाई
पुलिस ने ओरेवा कंपनी के नौ लोगों को गिरफ्तार किया
मोरबी पुल हादसे के बाद पुलिस ने पुल की मरम्मत करने वाली आरेवा कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 और 114 के तहत मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी।
इसके बाद पुलिस ने सोमवार को कंपनी के नौ लोगों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए गए लोगों में दो प्रबंधक, दो टिकट क्लर्क, तीन सुरक्षा गार्ड और 2 रिपेयरिंग कांट्रेक्टर शामिल हैं।
जानकारी
गुजरात सरकार ने गठित की उच्च स्तरीय समिति
इधर, हादसे के बाद गुजरात सरकार ने इसकी जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया है। इस समिति ने सोमवार को घटनास्थल का जायजा लिया। यह समिति हादसे के कारणों की जांच के साथ जिम्मेदारी तय करते हुए रिपोर्ट सौंपेगी।
जांच
फोरेंसिक जांच में आई अधिक भीड़ होने के बात
हादसे के कारणों की जांच के लिए फोरेंसिक टीम के अधिकारियों ने गैस कटर की मदद से पुल के नमूने लिए।
इनकी जांच में सामने आया कि पुल पर क्षमता से अधिक भीड़ होने के कारण उसकी संरचनात्मक मजबूती को कमजोर कर दिया और केबल टूट गई।
फोरेंसिक अधिकारियों ने बताया कि पुल की क्षमता 200-250 लोगों की थी, लेकिन हादसे के समय इस पर करीब 450 लोग मौजूद थे। इससे पुल की एक तरफ के केबल टूट गई।
बचाव अभियान
कल तक के लिए स्थगित किया बचाव अभियान
इधर, रात में कम रोशनी को देखते हुए प्रशासन ने राहत और बचाव अभियान को मंगलवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि नदी में अभी भी 100 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है। ऐसे में बचाव अभियान को सुबह फिर से शुरू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अधिकतर लोग 20 मीटर की गहराई वाली जगह गिरे थे। ऐसे में लापता लोगों को गहराई में कहीं फंसे होने की संभावना है।
दौरा
प्रधानमंत्री मोदी कल करेंगे घटना स्थल का दौरा
इस हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को घटना स्थल का दौरा करेंगे। उन्होंने सुबह गुजरात के केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और मोरबी हादसे पर भी दुख जताया।
उन्होंने कहा कि वह अभी एकता नगर में हैं, लेकिन उनका मन मोरबी के पीड़ितों के साथ है।
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दोपहर में मोरबी पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया।
मुलाकात
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने की मोरबी पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात
इधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज हादसे से पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
इस दौरान उन्होंने मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन करने और निर्धारित समयावधि में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने की मांग की।
गहलोत ने कहा कि एक IAS अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल पर्याप्त नहीं है। इसी तरह केंद्र और राज्य को मुआवजा राशि बढ़ानी चाहिए।