यूक्रेन पर रूस के हमले पर वैश्विक नेताओं और देशों ने क्या प्रतिक्रिया दी?

अमेरिका और पश्चिमी देशों की तमाम चेतावनियों और धमकियों को नजरअंदाज करते हुए आज सुबह रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने संबोधन में इस हमले को नागरिकों की सुरक्षा और यूक्रेन के विसैन्यीकरण के लिए "सैन्य अभियान" का नाम दिया, हालांकि जानकार इसे युद्ध बता रहे हैं। रूस के इस हमले पर किस देश और वैश्विक नेता ने क्या प्रतिक्रिया दी है, आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के इस हमले पर ट्वीट करते हुए कहा कि दुनिया इस हमले के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराएगी और इसमें जीवन की विनाशकारी हानि होगी। हमले को अकारण और अनुचित बताते हुए बाइडन ने कहा कि रूस को इसके परिणाम भुगतने होंगे। बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से फोन पर बातचीत कर रूस की आलोचना भी की। उन्होंने G-7 समूह और अपने सहयोगियों के साथ बैठक का ऐलान भी किया है।
यूनाइडेट किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी रूस की कड़ी आलोचना की है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि यूक्रेन में जो हो रहा है, वो उससे हैरान हैं और ब्रिटेन और उसके सहयोगी देश रूस की कार्रवाई का निर्णायक जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस बिना वजह के हमले को शुरू करके खून बहाने और विनाश के रास्ते को चुना है। जॉनसन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से भी बात की।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने भी एक लिखित बयान जारी कर रूस के हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस का हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन है और इसे किसी भी तरीके से सही नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा, "हम यूक्रेन और उसके लोगों के साथ हैं। रूस को ये सैन्य कार्रवाई तुरंत रोक देनी चाहिए... ये यूक्रेन के लिए एक भयानक दिन है और यूरोप के लिए काला दिन है।"
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति, जर्मन चांसलर और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से बात की और रूस के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने पुतिन से यूक्रेन के खिलाफ हमले को तुरंत रोकने की अपील की है। उन्होंने कहा कि रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए और यूक्रेन को रक्षा और आर्थिक मदद दी जानी चाहिए। यूक्रेन का कहना है कि रूस शांतिपूर्ण शहरों पर हमला कर रहा है।
यूक्रेन संकट पर बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपातकालीन बैठक में चीन ने कहा कि संकट के शांतिपूर्ण समाधान का रास्ता पूरी तरह बंद नहीं हुआ है और ये रास्ता बंद होना भी नहीं चाहिए। उसने कहा कि चीन यूक्रेन के संकट के समाधान के लिए हर कूटनीतिक कदम का स्वागत करता है। बैठक में भारत ने कहा, "अगर स्थिति को सावधानीपूर्वक नहीं संभाला गया तो यह इलाके की शांति और सुरक्षा को कमजोर कर सकती है।"
जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि रूस के हमले ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की जड़ों को हिला दिया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई अनुमति नहीं देती है। उन्होंने अमेरिका और अन्य देशों के साथ मिलकर इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने कहा कि रूस का हमला अनुचित है। फ्रांस ने भी रूस की आलोचना की है।
UNSC की बैठक की शुरूआत में संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मानवता के नाम पर युद्ध रोकने की अपील की है। उन्होंने कहा कि युद्ध के परिणाम यूक्रेन और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी होंगे। इसी तरह यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि रूस अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन और यूरोपीय संघ और वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर कर रहा है।