#NewsBytesExplainer: इंडिया या भारत, देश के नाम पर क्या कहता है संविधान और सुप्रीम कोर्ट?
देश का नाम 'इंडिया' से 'भारत' किए जाने की अटकलों को लेकर विवाद छिड़ गया है। विपक्षी गठबंधन INDIA ने केंद्र सरकार पर नाम बदलने की राजनीति करने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा के कई नेताओं ने आधिकारिक तौर पर 'भारत' नाम का इस्तेमाल करने की वकालत शुरू कर दी है। आइए जानते हैं कि संविधान में देश के नाम को लेकर क्या कहा गया है और सुप्रीम कोर्ट का इस पर क्या कहना है।
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
देश का नाम बदलने को लेकर पूरा विवाद G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान होने वाले रात्रिभोज का आधिकारिक निमंत्रण पत्र सामने आने के बाद शुरू हुआ। G-20 देशों के प्रतिनिधियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भेजे गए इस निमंत्रण पत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'प्रेसिडेट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के तौर पर संबोधित किया गया है। इसी के बाद से अटकलें हैं कि देश का नाम 'इंडिया' हटाकर केवल 'भारत' किया जा सकता है।
संविधान में क्या कहा गया है?
संविधान के अनुच्छेद 1 में 'इंडिया' और 'भारत' दोनों को देश के आधिकारिक नाम के रूप में मान्यता दी गई है। इसमें देश को परिभाषित करते हुए 'भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ होगा' कहा गया है। इसके अलावा संविधान की प्रस्तावना में भी हिंदी में 'हम, भारत के लोग' और अंग्रेजी में 'वी, द पीपल ऑफ इंडिया' लिखा हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने देश के नाम पर क्या कहना है?
सुप्रीम कोर्ट ने मार्च, 2016 में देश का नाम 'इंडिया' से 'भारत' बदलने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया था। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायाधीश यूयू ललित की पीठ ने कहा था कि इस तरीके की याचिकाओं पर विचार नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने तब कहा था, "भारत या इंडिया? आप इसे भारत कहना चाहते हैं तो कहें। कोई इसे इंडिया कहना चाहता है तो उन्हें इंडिया कहने दें।"
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में भी 'इंडिया' से 'भारत' नाम बदलने की मांग वाली एक और याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। उस समय कोर्ट ने सुझाव दिया था कि याचिका को एक मांग में परिवर्तित कर उचित निर्णय के लिए केंद्र सरकार को भेजा जा सकता है। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा था, "भारत और इंडिया, दोनों नाम संविधान में दिए गए हैं। इंडिया को संविधान में पहले से ही भारत कहा जाता है।"
कैसे बदला जा सकता है देश का नाम?
यदि केंद्र सरकार केवल 'भारत' को आधिकारिक नाम बनाना चाहती है तो उसे संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन करने के लिए विधेयक पेश करना होगा। अनुच्छेद 368 साधारण बहुमत या विशेष बहुमत के माध्यम से संविधान को संशोधित करने की अनुमति देता है। अनुच्छेद 1 में किसी भी प्रकार का परिवर्तन करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में कम से कम दो-तिहाई बहुमत के साथ विधेयक को पारित कराने की आवश्यकता होगी। सरकार के पास इतना बहुमत नहीं है।
कैसे हुई 'भारत' और 'इंडिया' नाम की उत्पत्ति?
प्राचीन काल से हमारे देश को अलग-अलग नामों से जाना जाता रहा है, जिनमें भारतवर्ष, जम्बूद्वीप, भारतखंड, हिमवर्ष, आर्यावर्त और हिंदुस्तान शामिल हैं। 'भारत' नाम जैन समुदाय के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र और पहले चक्रवर्ती सम्राट भरत के नाम पर पड़ा है। एक धारणा है कि अंग्रेजों ने देश का नाम 'इंडिया' रखा था, लेकिन इसकी उत्पत्ति सिंधु नदी के अंग्रेजी नाम 'इंडस' से हुई है। इसका इस्तेमाल पहली बार यूनानियों ने चौथी सदी ईसा पूर्व में किया था।
बदलाव के पीछे क्या कारण माने जा रहे?
देश का नाम बदलाव बदलने की अटकल के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस समेत 27 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर INDIA गठबंधन बनाया है, जिसे लेकर भाजपा असहज दिख रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा के कई नेता देश के पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व का हवाला देते हुए 'भारत' नाम करने की वकालत कर चुके हैं। वे 'इंडिया' नाम को गुलामी का प्रतीक बताते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
मोदी सरकार द्वारा 2014 के बाद शुरू की गई कई योजनाओं में 'इंडिया' नाम शामिल है। इनमें मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, डिजिटल इंडिया और खेलो इंडिया आदि प्रमुख योजनाए हैं और ऐसे में 'इंडिया' को हटाकर केवल 'भारत' करना सरकार पर ही सवाल खड़े कर सकता है। इसके साथ ही सभी सरकारी दफ्तरों और आधिकारिक दस्तावेजों पर नाम बदलना काफी खर्चीला साबित हो सकता है। इसके कारण नाम बदलने की अटकलों पर सवाल भी उठ रहे हैं।