मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है विपक्ष- रिपोर्ट
कांग्रेस समेत 26 विपक्षी पार्टियों का गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। बतौर रिपोर्ट्स, अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में लाया जा सकता है और इसे लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मंगलवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में चर्चा की। विपक्ष मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में बयान देने की मांग कर रहा है।
क्या है विपक्ष की रणनीति?
PTI के मुताबिक, INDIA में शामिल सभी पार्टियां संसद के मानूसन सत्र के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के फैसले पर सहमत हैं। विपक्ष को लगता है कि अविश्वास प्रस्ताव केंद्र सरकार को मणिपुर हिंसा पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का एक प्रभावी तरीका होगा। गौरतलब है कि विपक्ष के लगातार हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा में मानसून सत्र की कार्यवाही बाधित हो रही है।
प्रधानमंत्री को अपना अहंकार त्याग देना चाहिए- खड़गे
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, 'मणिपुर में 83 दिनों से जारी हिंसा पर प्रधानमंत्री को संसद में विस्तृत बयान देने की जरूरत है। बेहद भयावहता की कहानियां अब धीरे-धीरे सामने आ रही हैं।' उन्होंने आगे लिखा, 'समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी अपना अहंकार त्यागें और मणिपुर पर देश को अपने विश्वास में लें। प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि उनकी सरकार मणिपुर में हालात सुधारने के लिए क्या कर रही है और हालात कब सामान्य होंगे।'
अविश्वास प्रस्ताव के बारे में कोई जानकारी नहीं- प्रह्लाद जोशी
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे अविश्वास प्रस्ताव के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। मैं यह कहना चाहता हूं कि हमारी सरकार के पहले कार्यकाल के अंतिम में भी विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया गया था।" उन्होंने आगे कहा, "अविश्वास प्रस्ताव के बाद भाजपा की सीटें 282 से बढ़कर 303 हो गई थीं। इस बार भी उन्हें लाने दीजिए, हम 350 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेंगे।"
2018 में भी लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) अन्य विपक्षी पार्टियों के सहयोग से जुलाई, 2018 में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। मुख्य तौर पर आंध्र प्रदेश के लिए आवंटन में कमी को लेकर लाए गए इस प्रस्ताव दौरान राफेल सौदे से लेकर मॉब लिंचिंग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी। प्रस्ताव के पक्ष में 126 सांसदों ने वोट दिया था। इसके खिलाफ 325 वोट पड़े थे और यह प्रस्ताव गिर गया था।