G-20 शिखर सम्मलेन: दिल्ली में 1,000 से अधिक भिखारियों को रैन बसेरों में किया जाएगा स्थानांतरित
सितंबर 2023 में दिल्ली में आयोजित होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन के चलते कश्मीरी गेट इंटर स्टेट बस टर्मिनल (ISBT) क्षेत्र में रह रहे 1,000 से अधिक भिखारियों को जनवरी में रैन बसेरों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक समिति का भी गठन किया है। गौरतलब है कि भारत ने इस साल 1 दिसंबर को G-20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी और दिल्ली का प्रगति मैदान G-20 शिखर सम्मेलन का मुख्य आयोजन स्थल होगा।
अधिकारियों ने सर्वे में की भिखारियों की पहचान
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार ने हाल ही में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) के अधिकारियों को कश्मीरी गेट ISBT के पास हनुमान मंदिर के इलाके में रहने वाले भिखारियों को हटाने और स्थानांतरित करने के योजना तैयार करने ने लिए कहा था। एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार और गुरुवार को क्षेत्र में किए गए एक सर्वे के दौरान 1,000 से अधिक भिखारियों की पहचान की गई है।
जनवरी के पहले हफ्ते में शुरू होगा स्थांतरण
अधिकारी के मुताबिक, G-20 शिखर सम्मेलन के चलते भिखारियों का स्थांतरण जनवरी के पहले हफ्ते में शुरू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग भिखारियों को सरकारी देखभाल केंद्रों में ले जाया जाएगा। वहीं, दिल्ली सरकार की महिला और बाल विकास विभाग की बाल कल्याण समितियां बच्चों की देखभाल करेंगी। बता दें कि DUSIB अपने आश्रय गृहों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार कर रहा है जिससे स्थानांतरित किए जाने वाले भिखारियों को ठीक से समायोजित किया जा सके।
सामाजिक संगठनों ने आदेश का किया विरोध
दिल्ली में बेघर लोगों के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (NGO) ने क्षेत्र से भिखारियों को हटाकर DUSIB के रैन बसेरों में स्थानांतरित करने के आदेश का विरोध किया है। एक समाजसेवी ने कहा कि यह आदेश दिल्ली हाई कोर्ट के 2018 के फैसले का पूरी तरह से उल्लंघन है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। उनके मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट ने 2018 में भिखारियों को जबरन आश्रय घरों में रखने के खिलाफ आदेश सुनाया था।
क्या है G-20 संगठन?
G-20 का गठन सितंबर 1999 में उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के साथ विचार-विमर्श और समन्वय को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका G-20 के सदस्य हैं। इसके सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का करीब 85 फीसदी, वैश्विक व्यापार के 75 फीसदी और विश्व की आबादी के दो-तिहाई से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।