मणिपुर हिंसा: 12 मामलों की CBI करेगी जांच, कोर्ट द्वारा 3 सदस्यीय न्यायधीशों की कमेटी गठित
क्या है खबर?
मणिपुर हिंसा को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित सभी 12 FIR की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) करेगी।
कोर्ट की बेंच आज मणिपुर हिंसा से संबंधित लगभग 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसमें पुनर्वास और अन्य राहत के उपायों के अलावा मामलों की जांच कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग गई है।
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सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकार ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मणिपुर हिंसा से मामलों के पृथक्करण सहित मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी।
इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने बेंच कहा कि राज्य सरकार ने मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि अटॉर्नी जनरल ने कहा कि राज्य सरकार हालात को बहुत परिपक्वता के साथ संभाल रही है।
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कोर्ट की बेंच ने 3 पूर्व महिला न्यायाधीशों की कमेटी की गठित
कोर्ट की बेंच ने कहा कि मणिपुर में शासन और कानून व्यवस्था बहाल करने की कोशिश की जानी चाहिए, ताकि जनता का विश्वास कानून ने शासन में हो।
कोर्ट ने कहा कि वह हिंसा मामले से जुड़े मुद्दों की पड़ताल और मानवीय सुविधाओं के लिए हाई कोर्ट के 3 पूर्व न्यायाधीशों की कमेटी गठित करेगी। यह कमेटी CBI और पुलिस जांच से अलग मामलों को देखेगी और महिलाओं के खिलाफ अपराधों की भी निगरानी करेगी।
जानकारी
कमेटी में कौन-कौन हैं शामिल?
कोर्ट द्वारा गठित 3 सदस्यीय कमेटी में जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल, बॉम्बे उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश शालिनी जोशी और दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश आशा मेनन शामिल होंगी। यह समिति को न्यायाधीश मित्तल की अध्यक्षता में कार्य करेगी।
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पूर्व IPS अधिकारी करेंगे CBI जांच की निगरानी- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि पूर्व IPS अधिकारी दत्तात्रेय पडसलगीकर को CBI जांच की निगरानी करेंगे। इसके अलावा अन्य मामलों की जांच के लिए कम से कम डीआईजी रैंक के पांच अधिकारी होंगे, जिन्हें विभिन्न राज्यों से CBI जांच निगरानी के लिए नियुक्त किया जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि 42 SIT गठित होंगी जो उन मामलों को देखेंगी जो CBI को हस्तांतरित नहीं किए गए हैं। इन SIT की निगरानी मणिपुर के बाहर के डीआईजी रैंक के अधिकारियों द्वारा की जाएगी।
सुनवाई
केंद्र ने 11 मामले CBI को सौंपने का किया था अनुरोध
इससे पहले 1 अगस्त को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच से आग्रह किया था कि भीड़ द्वारा महिलाओं को नग्न घुमाने वाले वीडियो से संबंधित 2 FIR के बजाय, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा से जुड़ी 6,523 FIR में से 11 को CBI को स्थानांतरित किया जा सकता है और मणिपुर से बाहर मुकदमा चलाया जा सकता है।
कोर्ट ने केंद्र को इन मामलों को कुछ शर्तों के साथ CBI को सौंपने की अनुमति दे दी है।
मणिपुर हिंसा
मणिपुर हिंसा में अब तक 160 लोगों की मौत
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी।
मणिपुर हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 6,000 से ज्यादा FIR दर्ज की गई है, हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और 30 लोग महीनों से लापता हैं।
मामले को लेकर संसद में भी खूब हंगामा हो रहा है।