केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया विपक्षी गठबंधन INDIA
क्या है खबर?
कांग्रेस समेत 26 विपक्षी पार्टियों का गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) केंद्र सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय को इससे संबंधित प्रस्ताव दिया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस प्रस्ताव पर विचार करने के बाद इस पर चर्चा का समय निर्धारित करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर पर बोलने के लिए मजबूर करने के लिए ये प्रस्ताव लाया गया है।
बयान
अविश्वास प्रस्ताव के अलावा और कोई विकल्प नहीं- चौधरी
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव का सहारा लेने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है क्योंकि सरकार विपक्षी दलों की मांग को स्वीकार नहीं कर रही है। मणिपुर को लेकर प्रधानमंत्री को संसद में एक बयान देना चाहिए क्योंकि वह भारत के प्रधानमंत्री के अलावा सदन के नेता भी हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि उम्मीद है कि प्रधानमंत्री विपक्ष द्वारा सरकार पर लगाए गए सभी आरोपों का जवाब देंगे।
बयान
प्रस्ताव के जीतने या हारने की परवाह नहीं- राघव चड्ढा
आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव जैसे साधनों के जरिए सरकार को देश के ज्वलंत और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर जवाब देने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "अविश्वास प्रस्ताव कौन हारेगा या कौन जीतेगा, इसकी परवाह करने की जरूरत नहीं है। इस समय केंद्र सरकार और उसके मुखिया प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर हिंसा को लेकर बयान देना चाहिए। क्या मणिपुर के लोगों की चीखें उनके कानों तक पहुंची हैं?"
बयान
RJD ने कहा- मणिपुर जल रहा, प्रधानमंत्री के बोलने का इंतजार
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद मनोज झा ने कहा, "हम जानते हैं कि संख्या हमारे पक्ष में नहीं हैं, लेकिन लोकतंत्र केवल संख्या के बारे में नहीं है। मणिपुर जल रहा है और लोग प्रधानमंत्री के बोलने का इंतजार कर रहे हैं। शायद अविश्वास प्रस्ताव के बहाने उन्हें कुछ बोलने पर मजबूर किया जा सके। यही सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।"
YSR कांग्रेस पार्टी के सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी प्रस्ताव का विरोध करेगी।
प्रस्ताव
विपक्ष क्यों लेकर आया है अविश्वास प्रस्ताव?
विपक्ष का मानना है कि अविश्वास प्रस्ताव केंद्र सरकार को मणिपुर हिंसा पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का एक प्रभावी तरीका होगा।
यदि केंद्र सरकार बहस से बचने की कोशिश करती है तो यह विपक्ष के लिए एक नैतिक जीत होगी।
बता दें कि तमाम विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मंगलवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया था।