NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    जम्मू-कश्मीर
    क्राइम समाचार
    कोरोना वायरस
    कोरोना वायरस वैक्सीन
    लखीमपुर रेप-हत्याकांड
    हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH)
    भू-धंसाव
    NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / देश की खबरें / जनगणना को एक बार फिर टाला गया, क्या है इसकी प्रक्रिया और इस देरी के मायने?
    देश

    जनगणना को एक बार फिर टाला गया, क्या है इसकी प्रक्रिया और इस देरी के मायने?

    जनगणना को एक बार फिर टाला गया, क्या है इसकी प्रक्रिया और इस देरी के मायने?
    लेखन सकुल गर्ग
    Jan 10, 2023, 08:02 pm 1 मिनट में पढ़ें
    जनगणना को एक बार फिर टाला गया, क्या है इसकी प्रक्रिया और इस देरी के मायने?
    भारत में कोविड महामारी के चलते जणांना में देरी हो रही है

    भारत में 2021 की जनगणना को एक बार फिर से टाल दिया गया है। महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त के कार्यालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर 30 जून, 2023 तक प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज करने के लिए कहा है। कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 से इसे टाला जा रहा है और इस बात की पूरी संभावना है कि अब यह जनगणना 2024 लोकसभा चुनाव के बाद ही होगी। आइए आपको जनगणना की प्रक्रिया और इसमें देरी के मायने बताते हैं।

    क्या होती है जनगणना और यह पहली बार कब हुई थी?

    केंद्र सरकार जनगणना के जरिए भारत की जनसंख्या और उसके विभिन्न पहलुओं की जानकारी एकत्रित करती है। अंग्रेजों के शासन के दौरान पहली बार वर्ष 1881 में जनगणना हुई थी और इसके बाद से हर 10 साल के अंतराल पर जनगणना की जा रही है। भारत की आजादी के बाद जनणगना के कार्य के लिए भारत के महारजिस्ट्रार का पद बनाया गया था। देश में आखिरी जनगणना 11 साल पहले वर्ष 2011 में हुई थी।

    कैसे की जाती है जनगणना?

    भारत में जनगणना का काम सरकार द्वारा नियुक्त कर्मचारी करते हैं। इसके लिए कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों से आवश्यक जानकारी मांगते हैं। इनमें व्यक्ति का नाम, लिंग, जन्म तिथि, जन्म स्थान, वैवाहिक स्थिति और घर के सदस्यों की संख्या समेत विभिन्न प्रकार की जानकारियां शामिल हैं। जनगणना के तहत एकत्र की गई सभी निजी जानकारी गोपनीय होती हैं और इन्हें किसी के साथ भी साझा नहीं किया जाता है।

    क्या भारत में पहले भी टाली गई है जनगणना?

    भारत में जनगणना के 150 से अधिक वर्ष के इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब यह टाली गई है। 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध के कारण जनगणना का डाटा जारी होने में देरी हुई थी, हालांकि तब भी समय पर डाटा जुटा लिया गया था। इसके अलावा 1961 में भारत-चीन युद्ध और 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के कारण जनगणना में कुछ व्यवधान पड़े थे, लेकिन तब भी इसे कभी टाला नहीं गया था।

    क्या कोरोना वायरस के चलते अन्य देशों में भी टाली गई जनगणना?

    बतौर रिपोर्ट्स, कोविड महामारी के चलते सिर्फ भारत में जनगणना को टाला गया है। अमेरिका में महामारी के चरम पर होने के बावजूद 2020 में जनगणना हुई थी। इसी तरह यूनाइटेड किंगडम (UK) में आने वाले इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड में भी अलग-अलग एजेंसियों ने महामारी के दौरान तय समय पर जनगणना के लिए जानकारी जुटानी शुरू कर दी थी। भारत के पड़ोसी देश चीन में भी जनगणना की प्रकिया पूरी हो चुकी है।

    जनगणना के लिए केंद्र सरकार ने क्या तैयारियां की थीं?

    केंद्र सरकार ने 2019 में 2021 की जनगणना पर काम करना शुरू कर दिया था और इसके लिए 8,754.23 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। जनगणना के लिए घर-घर जाकर डाटा के संग्रह के लिए करीब 33 लाख कर्मचारियों को तैनात किया जाना था। 2021 की जनगणना दो चरणों में पूरी की जानी थी। पहला चरण सितंबर, 2020 और दूसरा चरण मार्च, 2021 में पूरा किया जाना था, लेकिन महामारी के कारण पहला चरण ही पूरा नहीं हुआ है।

    इस बार की जनगणना क्यों है खास?

    इस बार जनगणना मोबाइल ऐप और पोर्टल के जरिए करने की योजना है और इसे देश की पहली डिजिटल जनगणना कहा जा रहा है। इस बार जनगणना में एक मोबाइल ऐप के जरिए 16 अनुसूचित भाषाओं में डाटा इकट्ठा किया जाएगा और जनगणना से संबंधित गतिविधियों के रीयल-टाइम मैनेजमेंट के लिए जनगणना प्रबंधन और निगरानी प्रणाली (CMMS) पोर्टल का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा जनगणना करने वाले कर्मचारियों का मानदेय और ट्रेनिंग भत्ता सीधे उनके खाते में दिया जाएगा।

    क्या जातिगत जनगणना भी होगी?

    केंद्र सरकार ने 2018 में कहा था कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की जनगणना करवाई जाएगी। हालांकि, बाद में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में बताया कि जातिगत जनगणना मुमकिन नहीं है और इससे जनगणना प्रभावित हो सकती है। वर्तमान में सिर्फ अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) का डाटा जनगणना में शामिल किया जाता है। बिहार ने अपने स्तर पर जातिगत जनगणना शुरू की है।

    जनगणना में देरी के क्या मायने हैं?

    विशेषज्ञों के मुताबिक, 1881 के बाद से हर 10 साल पर जनगणना हो रही है और इसके चलते डाटा का तुलनात्मक अध्यन करना आसान होता है। समय पर जनगणना नहीं होने के कारण इस डाटा में एक गैप विकसित हो जाता है। संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुताबिक, किसी देश के आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए तय समय पर जनगणना होना जरूरी है। जनगणना के कारण वर्तमान का वर्णन और भविष्य का अनुमान लगाना संभव होता है।

    जनगणना में देरी से क्या नुकसान हो सकते हैं?

    जनगणना में देरी होने के कारण 10 करोड़ से अधिक वंचित लोगों के खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मुफ्त अनाज की सुविधा से वंचित रहने की संभावना है। वर्ष 2011 में हुई जनगणना के आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2013 में भारत में 80 करोड़ लोग मुफ्त में राशन लेने के लिए योग्य थे, जबकि जनसंख्या में अनुमानित बढ़ोतरी के साथ अब तक यह आंकड़ा 92.2 करोड़ तक पहुंच चुका होगा। अन्य योजनाओं पर भी यही असर देखने को मिलेगा।

    न्यूजबाइट्स प्लस

    अभी भारत की आबादी 1.40 अरब से अधिक है और वह दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत इस साल चीन को पीछे छोड़ सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। रिपोर्ट में 2050 तक भारत की आबादी 1.668 अरब पहुंचने का अनुमान लगाया गया है, वहीं तब चीन की आबादी 1.317 अरब होगी। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, 2100 तक भारत की आबादी 41 करोड़ घट सकती है।

    इस खबर को शेयर करें
    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    ताज़ा खबरें
    केंद्र सरकार
    कोरोना वायरस
    जनगणना
    #NewsBytesExplainer

    ताज़ा खबरें

    नकारात्मक बॉडी लैंग्वेज से पड़ता है गलत प्रभाव, ऐसे करें सुधार पर्सनालिटी डेवलपमेंट टिप्स
    चैत्र नवरात्रि 2023: उपवास के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखने में सहायक हैं ये पेय पदार्थ नवरात्रि
    WPL 2023: दिल्ली कैपिटल्स ने यूपी वारियर्स को हराकर फाइनल में किया प्रवेश विमेंस प्रीमियर लीग
    दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत में महसूस किए गए भूकंप के झटके दिल्ली

    केंद्र सरकार

    सरकार ने संसद में बताया, 4 साल में लगभग 2 लाख दलितों पर हुए हमले संसद
    सुप्रीम कोर्ट में सजा-ए-मौत के तरीके के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई, केंद्र से मांगा सुझाव सुप्रीम कोर्ट
    गुजरात: सूरत में 30 साल पुराना 85 मीटर ऊंचा कूलिंग टावर गिराया गया, वीडियो वायरल गुजरात
    केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में किसानों ने फिर भरी हुंकार, महापंचायत में बनाई रणनीति दिल्ली

    कोरोना वायरस

    लखनऊ: 90 प्रतिशत दिव्यांग विनोद कर रहे फूड डिलीवरी, दूसरों से कम मिलता है मेहनताना  उत्तर प्रदेश
    कोरोना के बढ़ते मामलों पर सरकार की चिंता बढ़ी, स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में चर्चा आज कोरोना वायरस के मामले
    IPL 2023: BCCI ने कोरोना नियमों को लेकर खिलाड़ियों पर बरती सख्ती, जानिए क्या है कारण इंडियन प्रीमियर लीग
    कोरोना वायरस: देश में चार महीने बाद एक दिन में मिले 800 से अधिक नए मामले कोरोना वायरस के मामले

    जनगणना

    मोबाइल ऐप और पोर्टल के जरिए डिजिटल तरीके से की जाएगी भारत की जनगणना- रिपोर्ट डिजिटलीकरण

    #NewsBytesExplainer

    #NewsBytesExplainer: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के ऊपर लगा NSA, जानें क्या है यह कानून  पंजाब पुलिस
    दिल्ली शराब नीति घोटाला: CBI और ED की नजर में कौन-कौन हैं मामले के आरोपी? दिल्ली
    #NewsBytesExplainer: पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन का इतिहास क्या है?  पंजाब
    #NewsBytesExplainer: क्या गिरफ्तार होंगे व्लादिमीर पुतिन, ICC के गिरफ्तारी वारंट का मतलब क्या है? व्लादिमीर पुतिन

    देश की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    India Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स क्रिप्टोकरेंसी भाजपा समाचार कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive कोरोना वायरस वैक्सीन ट्रैवल टिप्स यूक्रेन युद्ध मंकीपॉक्स द्रौपदी मुर्मू
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023