पासपोर्ट से लेकर राष्ट्रगान तक, महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद ब्रिटेन में क्या-क्या बदलेगा?
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके सबसे बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स राजगद्दी पर बैठेंगे। उन्हें महाराजा चार्ल्स तृतीय के नाम से जाना जाएगा। उनके सत्ता संभालते ही ब्रिटेन का राष्ट्रगान, मुद्रा नोट और सिक्के, मुहर, पोस्टबॉक्स और पासपोर्ट समेत कई चीजें बदल जाएंगी। इन बदलावों का असर यूनाइटेड किंगडम (UK) के अलावा कई देशों के नागरिकों पर होगा। आइये एक नजर डालते हैं कि कैसे महारानी के निधन के बाद ब्रिटेन में जीवन बदल जाएगा।
बदलेगा संस्थानों का नाम, नोटों पर होगी नई तस्वीर
महारानी के निधन के बाद ब्रिटेन और कई कॉमनवेल्थ देशों में एलिजाबेथ के नाम पर चल रहे संस्थानों का नाम बदलकर नए राजा के नाम पर हो जाएगा। इसके अलावा नोट, सिक्कों और दूसरे प्रतीक चिन्हों से भी महारानी की तस्वीर हटाकर नए राजा की तस्वीर लगाई जाएगी। ब्रिटेन के अलावा अब कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड आदि देशों के नोटों में भी अब बदलाव देखने को मिलेगा और एलिजाबेथ द्वितीय की तस्वीर हट जाएगी।
ब्रिटेन के राष्ट्रगान में भी होगा बदलाव
महाराजा चार्ल्स तृतीय के गद्दी संभालते ही ब्रिटेन के राष्ट्रगान में भी बदलाव हो गया है। अब इसमें 1952 से गाए जा रहे 'गॉड सेव द क्वीन' की जगह 'गॉड सेव द किंग' गाया जाएगा। कॉमनवेल्थ देश होने के नाते कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड आदि देशों में भी यह राष्ट्रगान गाया जाता है। इसके अलावा ब्रिटेन के पासपोर्ट में भी कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे और इसमें महारानी शब्द की जगह महाराजा शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा।
राजनीति और सेना में क्या बदलाव होंगे?
महारानी के निधन के बाद अब ब्रिटिश संसद के सत्र की शुरुआत में महाराजा का संबोधन होगा, जिसमें वो सरकार का एजेंडा पेश करते हैं। बकिंघम पैलेस के बाहर तैनात रहने वाले क्वींस गार्ड का भी नाम अब बदलकर किंग्स गार्ड हो जाएगा। इसके अलावा सेना में जो काम महारानी के नाम से होते थे, वो अब महाराजा के नाम से होने शुरू हो जाएंगे। वरिष्ठ वकीलों को अब क्वीन्स काउंसल की जगह किंग्स काउंसल कहकर संबोधित किया जाएगा।
कार्यक्रमों और परंपराओं में भी दिखेगा बदलाव
इनके अलावा सरकारी कार्यक्रमों और राजघराने के कार्यक्रमों और परंपराओं में महारानी के संदर्भ की जगह महाराजा का नाम इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रकार देखा जाए तो ब्रिटेन में काफी कुछ बदलने वाला है।
96 साल की उम्र में एलिजाबेथ द्वितीय ने ली अंतिम सांस
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को 96 साल की उम्र में निधन हो गया। वो पिछले कई महीनों से बीमार थीं और उन्होंने स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कासल में अंतिम सांस ली। इससे पहले उनकी हालत को देखते हुए चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया था और उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को देखकर चिकित्सकों ने भी चिंता जताई थी। एलिजाबेथ द्वितीय 1952 में गद्दी पर बैठीं और उन्होंने 70 साल तक ब्रिटेन की राजशाही सत्ता को संभाला।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
एलिजाबेथ द्वितीय सबसे ज्यादा उम्र तक जिंदा रहने वाली महारानी रहीं। 81 साल की उम्र में दिवंगत हुईं क्वीन विक्टोरिया दूसरे स्थान पर रहीं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस के मुताबिक, एलिजाबेथ की कॉमनवेल्थ के सबसे ज्यादा देशों के सिक्कों पर तस्वीर रही हैं।