ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय के पास क्या-क्या जिम्मेदारियां होंगी?
ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद उनके बेटे किंग चार्ल्स तृतीय के पास राजगद्दी चली गई है। राजा बनने के साथ ही वो ब्रिटेन के राष्ट्र प्रमुख भी बन गए हैं। दरअसल, ब्रिटेन में राजा भी होता है और संसद भी काम करती है और ये दोनों ही संस्थान एक-दूसरे के पूरक हैं। हालांकि, राजा की शक्तियां केवल औपचारिक और प्रतीकात्मक होती हैं। आइये जानते हैं कि ब्रिटेन में राजा की क्या-क्या जिम्मेदारियां होती हैं।
रोजाना मिलेगी सरकारी कामकाज की रिपोर्ट
BBC के अनुसार, राजगद्दी पर आसीन होने के बाद अब किंग चार्ल्स तृतीय को रोजाना सरकारी फैसलों और कामकाज की रिपोर्ट मिलेंगी। इसके अलावा आमतौर पर प्रधानमंत्री लिज ट्रस भी हर बुधवार बकिंघम पैलेस आकर राजा से मिलेंगी और उन्हें सरकार के कामकाज के बारे में जानकारी मुहैया कराएंगी। ये बैठकें पूरी तरह गोपनीय होती है। जिन सरकारी दस्तावेजों या रिपोर्ट पर राजा के हस्ताक्षर जरूरी होंगे, उनकी जानकारी भी किंग चार्ल्स तृतीय को पहले मिल जाएगी।
राजा के संसदीय कामकाज क्या होंगे?
चुनाव होने के बाद राजा विजेता पार्टी के नेता को बकिंघम पैलेस बुलाकार सरकार गठन का औपचारिक आमंत्रण देंगे। उनके पास आम चुनाव से पहले सरकार भंग करने का भी अधिकार है। जब ब्रिटेन के संसद में सत्रों की शुरुआत होती है, तो राजा या रानी इसका उद्घाटन करते हैं और संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में अपने भाषण के जरिये सरकार की योजनाएं सदस्यों के सामने रखते हैं। वो कानूनों को औपचारिक मंजूरी भी देते हैं।
कॉमनवेल्थ के प्रमुख होते हैं ब्रिटेन के राजा
ब्रिटेन के राजा अब कॉमनवेल्थ के प्रमुख बन गए हैं। यह 57 आजाद देशों का संघ है, जिनमें करीब 2.4 अरब लोग निवास करते हैं। इसके अलावा वो 14 कॉमनवेल्थ देशों के राष्ट्र प्रमुख भी बन गए हैं।
राजशाही को पसंद करती है ब्रिटेन की अधिकतर आबादी
इस साल हुए एक सर्वे में महारानी की प्लैटिनम जुबली के मौके पर 62 प्रतिशत लोगों का मानना था कि राजशाही बरकरार रहनी चाहिए, जबकि 22 प्रतिशत लोग चाहते थे कि राष्ट्र प्रमुख का चुनाव होना चाहिए। इसी तरह 2021 में हुए दो सर्वे में महज 20 प्रतिशत लोगों को मानना था कि राजशाही हटाना ब्रिटेन के लिए अच्छा रहेगा। हालांकि, आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले एक दशक में ब्रिटेन में राजशाही के समर्थक लोगों की संख्या कम हुई है।
महारानी की मौत के बाद होंगे ये बदलाव
किंग चार्ल्स तृतीय के राजगद्दी पर बैठने के बाद अब ब्रिटेन का राष्ट्रगान, मुद्रा नोट और सिक्के, मुहर, पोस्टबॉक्स और पासपोर्ट समेत कई चीजें बदल जाएंगी। इन बदलावों का असर यूनाइटेड किंगडम (UK) के अलावा कई देशों के नागरिकों पर होगा। नोट, सिक्कों और दूसरे प्रतीक चिन्हों से भी महारानी की तस्वीर हटाकर नए राजा की तस्वीर लगाई जाएगी। साथ ही ब्रिटेन के राष्ट्रगान में 'गॉड सेव द क्वीन' की जगह 'गॉड सेव द किंग' गाया जाएगा।
96 साल की उम्र में एलिजाबेथ द्वितीय ने ली अंतिम सांस
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को 96 साल की उम्र में निधन हो गया। वो पिछले कई महीनों से बीमार थीं और उन्होंने स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कासल में अंतिम सांस ली। इससे पहले उनकी हालत को देखते हुए चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया था और उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को देखकर चिकित्सकों ने भी चिंता जताई थी। एलिजाबेथ द्वितीय 1952 में गद्दी पर बैठीं और उन्होंने 70 साल तक ब्रिटेन की राजशाही सत्ता को संभाला।