मोबाइल ऐप और पोर्टल के जरिए डिजिटल तरीके से की जाएगी भारत की जनगणना- रिपोर्ट
कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो साल से बंद पड़ी जनगणना के जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार ने जनगणना की प्रक्रिया में कई तरह के बदलाव किए हैं और इस बार जनगणना में डिजिटल माध्यमों का अधिक इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए एक मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल विकसित किया जा रहा है। सरकार का कहना है कि ये सही मायनों में पहली डिजिटल जनगणना होगी।
मोबाइल ऐप के जरिए इकट्ठा किया जाएगा डाटा, पोर्टल के जरिए होगी निगरानी
न्यूज 18 द्वारा प्राप्त किए गए केंद्र सरकार के एक दस्तावेज के अनुसार, इस बार जनगणना में एक मोबाइल ऐप के जरिए 16 अनुसूचित भाषाओं में डाटा इकट्ठा किया जाएगा। इसी तरह जनगणना से संबंधित गतिविधियों के रीयल-टाइम मैनेजमेंट के लिए जनगणना प्रबंधन और निगरानी प्रणाली (CMMS) पोर्टल का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा जनगणना करने वाले कर्मचारियों का मानदेय और ट्रेनिंग भत्ता सीधे उनके खाते में क्रेडिट करने की व्यवस्था भी की जा रही है।
ऐप की टेस्टिंग के लिए 80 आईफोन खरीदने की तैयारी कर रही सरकार
रिपोर्ट के अनुसार, जिला जनगणना कार्यालय और रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मोबाइल ऐप का टेस्ट करेंगे और इसके लिए सरकार 80 आईफोन खरीदने की तैयारी भी कर रही है। सरकार ने अपने नोट में कहा, "भारत की जनगणना दुनिया का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास है। आगामी जनगणना कई नई पहलों के साथ जनगणना के इतिहास में एक मील का पत्थर होगी... ये सही मायनों में पहली डिजिटल जनगणना होगी।"
2019 से ही थी डिजिटल जनगणना की योजना, लेकिन महामारी के कारण रुकी
बता दें कि सरकार ने 2019 में ही डिजिटल जनगणना करने की योजना बना ली थी, हालांकि इसमें पेपर पर डाटा इकट्ठा करने का विकल्प भी था। देश में हर 10 साल पर जनगणना होती है और मौजूदा जनगणना का पहला चरण सितंबर, 2020 और दूसरा चरण मार्च, 2021 में पूरा होना था। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में ही आवास गणना से संबंधित पहले चरण को रोक दिया गया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
अभी भारत की आबादी 1.40 अरब से अधिक है और वह दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अगले साल तक चीन को पीछे छोड़ सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। रिपोर्ट में 2050 तक भारत की आबादी 1.668 अरब पहुंचने का अनुमान लगाया गया है, वहीं तब चीन की आबादी 1.317 अरब होगी। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, 2100 तक भारत की आबादी 41 करोड़ घट सकती है।