कैसे रोका जा सकता है कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का प्रसार?
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के 32 म्यूटेंट वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट ने दुनिया को दहशत में ला दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' बताकर बेचैनी को और बढ़ा दिया है।
इसके बाद अधिकतर देशों ने प्रभावित देशों की उड़ानों पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यात्रा प्रतिबंध से इस वेरिएंट के प्रसार को रोका जा सकता है।
यहां जानते हैं इस संबंध में विशेषज्ञों की क्या राय है।
नया वेरिएंट
ओमिक्रॉन वेरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में हैं 32 म्यूटेशन
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना आदि देशों में मिल कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं।
इसमें P681H और N679K जैसे म्यूटेशन भी हुए हैं जो अल्फा और गामा जैसे वेरिएंट में पाए जा चुके हैं।
विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंटों की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इस वेरिएंट के अब तक 100 से अधिक मामले आ चुके हैं।
कदम
कई देशों ने लागू किए हैं यात्रा प्रतिबंध
ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए कई देशों ने प्रभावित देशों की उड़ानों पर रोक लगाई है। इनमें यूनाइटेड किंगडम (UK), जर्मनी, इटली, फ्रांस, क्रोएशिया प्रमुख है।
इसी तरह भारत में मुंबई की बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने अफ्रीका से आने वाले सभी यात्रियों को क्वारंटाइन करने का फैसला किया है तो गुजरात सरकार ने प्रभावित देशों से आने वालों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य किया है। अन्य राज्यों ने भी सख्ती बरती है।
सवाल
क्या यात्रा प्रतिबंध से रूक सकता है ओमिक्रॉन वेरिएंट का प्रसार?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स के निदेशक डॉ सौमित्र दास ने इंडिया टुडे से कहा, "भारत सरकार को ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार को रोकने करने के लिए नीतिगत निर्णय लेने होंगे। सीमाओं को बंद करना कोई समाधान नहीं है।"
इसी तरह दक्षिण अफ्रीका में यूनिवर्सिटी ऑफ विटवाटरसैंड में वैक्सीनोलॉजी के प्रोफेसर शब्बीर ए माधी ने कहा, "यात्रा प्रतिबंध लगाना मजबूत समाधान नहीं है। इसके बजाय सरकारों को अन्य नीतिगत कदम उठाने चाहिए।"
सावधानी
सरकारों को मनमाने प्रतिबंध लगाने से बचाना चाहिए- माधी
प्रोफेसर माधी ने कहा, "सरकारों को सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध को छोड़कर मनमाने तरीके से अन्य प्रतिबंध लगाने से बचना चाहिए। अन्य प्रतिबंधों से संक्रमण का प्रसार नहीं रुकता है। दक्षिण अफ्रीका में आई पिछली तीन लहरों में इसे परिणाम भी सामने आ गए हैं। प्रतिबंधों के बाद भी 60-80 प्रतिशत लोग संक्रमित हो चुके हैं।"
उन्होंने कहा, "यात्रा प्रतिबंध से भी वायरस के प्रसार को नहीं रोका जा सकता है, बल्कि इससे चीजों का आयात बंद हो जाएगा।"
अन्य
सरकारों को इन कार्यों से भी बचना चाहिए
प्रोफेसर माधी ने कहा, "यात्रा प्रतिबंध वायरस के प्रसार में देरी का कारण बनते हैं, लेकिन उसे रोक नहीं पाते हैं। इसी जगह सरकारों को वैक्सीनेशन अनिवार्य करने और हवाई अड्डों पर सख्त स्क्रीनिंग पर ध्यान देना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "सरकारों को अव्यावहारिक प्रतिबंध लगाने से बचते हुए अधिक जोखिम वाले लोगों को वैक्सीन लगाने या बूस्टर खुराक देने में देरी नहीं करनी चाहिए। इसी तरह हर्ड इम्यूनिटी पर भरोसा नहीं करना चाहिए।"
उपाय
किन तरीकों से रोका जा सकता है ओमिक्रॉन वेरिएंट का प्रसार?
प्रोफेसर माधी और डॉ दास की माने तो सरकारों को स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती और सभी लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन की दोनों खुराकें देने पर विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए।
इसी तरह सभी इनडोर स्थानों में प्रवेश के लिए वैक्सीन प्रमाण पत्र अनिवार्य करने, वैक्सीन से बचे लोगों तक पहुंच बनाने के प्रयासों में तेजी लाने और पूरानी बीमारी या अधिक खतरे वाले लोगों को बचाव के लिए बूस्टर खुराक देने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
अन्य सुझाव
क्षेत्रीय स्तर पर अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता की निगरानी जरूरी
प्रोफेसर माधी और डॉ दास ने कहा कि नए वेरिएंट के प्रभाव को कम करने के लिए लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
इसी तरह क्षेत्रीय स्तर पर अस्पतालों में मौजूद बेड्स की निगरानी करने, वायरस की मौजूदगी के साथ जीने की आदत डालने, महामारी से बचाव के लिए वैज्ञानिक उपायों को प्राथमिकता देने और राजनीति से दूर रहने के साथ पिछली गलतियों से सबक लेते हुए अन्य कद उठाने चाहिए।