कोरोना वायरस: संक्रमण के मामले में महाराष्ट्र ने छठे सबसे प्रभावित देश दक्षिण अफ्रीका को पछाड़ा
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र ने अब संक्रमितों की संख्या के मामले में दुनिया के छठे सबसे ज्यादा प्रभावित देश दक्षिण अफ्रीका को भी पीछे छोड़ दिया है।
महाराष्ट्र में सोमवार तक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,04,358 पर पहुंच गई थी।
इसके उलट दक्षिण अफ्रीका में संक्रमितों की संख्या 5,89,886 ही है। इस तरह से महाराष्ट्र में वहां की तुलना में 14,472 मामले अधिक हैं।
स्थिति
कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है अमेरिका
HT के अनुसार वर्तमान में दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका है।
वहां संक्रमितों की संख्या 56,12,027 पर पहुंच गई है और अब तक 1,73,716 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसी तरह ब्राजील 33,63,235 संक्रमित और 1,08,654 लोगों की मौतों के साथ दूसरे, भारत 27,01,604 संक्रमित और 51,797 लोगों की मौतों के साथ तीसरे, रूस 9,27,745 संक्रमित और 15,872 लोगों की मौतों के साथ चौथे पायदान पर बना हुआ है।
बढ़ोतरी
महाराष्ट्र में नौ दिन में बढ़े एक लाख से अधिक मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र में गत 8 अगस्त को संक्रमितों की संख्या पांच लाख पर पहुंची थी।
उसके बाद वहां महज नौ दिन में ही एक लाख से अधिक नए मामले सामने आ गए और संक्रमितों की कुल संख्या 6,04,358 पर पहुंच गई है।
राज्य में अब तक 20,265 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों की संख्या के मामले में भी महाराष्ट्र में चौथे सबसे प्रभावित देश रूस 15,872 मौतों का भी पछाड़ रखा है।
रफ्तार
महाराष्ट्र में इस तरह से बढ़ी संक्रमितों की संख्या
महाराष्ट्र में पहले एक लाख मामले पहुंचने में 96 दिन का समय लगा था। उसके बाद वहां तेजी से हुए संक्रमण के प्रसार के कारण महज 22 दिन में ही संक्रमितों की संख्या दो लाख पहुंच गई।
संक्रमितों की संख्या के दो से तीन लाख तक पहुंचने में 14 दिन, तीन से चार लाख पहुंचने में 11 दिन, चार से पांच लाख पहुंचने में 10 दिन और पांच से छह लाख पहुंचने में महज नौ दिन का समय लगा है।
डाटा
राज्य में 17 दिन में बढ़े 1,82,834 मामले
महाराष्ट्र में अगस्त के पहले 17 दिनों में प्रतिदिन औसतन 10,754 के हिसाब से कुल 1,82,834 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में मार्च में 302, अप्रैल में 10,196, मई में 57,157, जून में 1,02,172 और जुलाई में 2,47,392 नए मामले सामने आए थे।
कारण
लॉकडाउन में ढील देने से ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैला संक्रमण
राज्य सरकार की संक्रमक रोगों की रोकथाम नियंत्रण और तकनीकी समिति के प्रमुख और स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सुभाष सालुंखे ने बताया कि लॉकडाउन में ढील देने के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी तेजी से संक्रमण का प्रसार हुआ है।
लॉकडाउन से पहले केवल शहरी क्षेत्रों में ही मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब संक्रमण शहरों के साथ कस्बों और गांवों तक पहुंच गया है। ऐसे में इसके और तेजी से फैलने की संभावना है।
चिंता
बढ़ती मौतें हैं सरकार की चिंता का कारण
चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार महाराष्ट्र सरकार की बढ़ती चिंता का अन्य प्रमुख कारण कोरोना से होने वाली मौतें हैं।
राज्य में अगस्त के पहले 17 दिनों में 5,271 लोगों की मौत हुई है। जुलाई में यह संख्या 6,988, जून में 5,638, मई में 2,286, अप्रैल में 449 और मार्च में 10 थी।
सोमवार को महाराष्ट्र में संक्रमण के प्रसार की दर 3.35% थी, जो गुजरात की दर 3.54% के बाद दूसरे सबसे अधिक दर है।
परेशानी
ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ संजय पट्टीवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति से निपटने के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधा और पर्याप्त स्टॉफ नहीं है।
गंभीर रोगियों के इलाज के लिए विशेष स्टाफ की भी कमी है। केंद्र और राज्य सरकार कस्बे और गांवों में बेहतर सुविधाएं मुहैया नहीं कर सके हैं।
जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। महामारी से लड़ने के लिए सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।