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#NewsBytesExplainer: केरल में फंसे F-35 लड़ाकू विमान को टुकड़ों में कैसे ले जाया जाएगा ब्रिटेन?
ब्रिटेन का F-35 बीते 21 दिन से केरल में फंसा हुआ है

#NewsBytesExplainer: केरल में फंसे F-35 लड़ाकू विमान को टुकड़ों में कैसे ले जाया जाएगा ब्रिटेन?

लेखन आबिद खान
Jul 04, 2025
11:43 am

क्या है खबर?

ब्रिटेन का लड़ाकू विमान F-35 बीते 21 दिन से केरल के तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर खड़ा है। विमान ने 14 जून की रात को आपातकालीन लैंडिंग की थी। तब बताया गया था कि ईंधन की कमी के चलते ऐसा हुआ था, लेकिन बाद में हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी की बात सामने आई। इस दौरान विमान को सुधारने की सारी कोशिश नाकाम हो चुकी है। अब खबर है कि विमान को टुकड़ों में ब्रिटेन ले जाया जाएगा।

C-17 ग्लोबमास्टर

विमान को ले जाने में C-17 ग्लोबमास्टर का हो सकता है इस्तेमाल

रिपोर्ट के मुताबिक, F-35 को ले जाने के लिए परिवहन विमान C-17 ग्लोबमास्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। ये एक विशाल कार्गो विमान है जिसका इस्तेमाल ब्रिटेन, अमेरिका से लेकर भारतीय वायुसेना भी करती है। यह लगभग 77 टन वजन उठा सकता है। क्षमता के हिसाब से ये 2 F-35 विमानों को ले जाने में सक्षम है। हालांकि, पूरा F-35 विमान ग्लोबमास्टर में नहीं जा सकेगा। इसके लिए F-35 के पुर्जे अलग करना होंगे।

परेशानी

विमान को ले जाने में हैं कई चुनौतियां

विमान के पुर्जों को खोलने का काम इसे बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन के प्रशिक्षित इंजीनियर ही कर सकते हैं। इस दौरान बेहद बारीकी से हर कदम की ब्रिटिश सेना द्वारा निगरानी की जाएगी, ताकि विमान से जुड़ी जानकारी और तकनीक लीक न हो। विमान के स्टील्थ तकनीक से जुड़े कोड लीक होने पर कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर खतरा पैदा हो सकता है। सुरक्षा कारणों से ब्रिटेन ने विमान को हैंगर में ले जाने से मना कर दिया था।

पंख

विमान के पंखों को अलग करना जरूरी- विशेषज्ञ

इंडिया टुडे से बात करते हुए रक्षा विशेषज्ञ संदीप उन्नीथन ने कहा, "F-35 लगभग 14 मीटर लंबा है और इसके पंखों का फैलाव लगभग 11 मीटर है, लेकिन C-17 की चौड़ाई केवल 4 मीटर है। यानी जब तक पंख अलग नहीं किए जाते, तब तक F-35 को लोड नहीं किया जा सकता। तकनीशियन पंखों को अलग कर देंगे और जेट को एक कॉम्पैक्ट यूनिट में बदल देंगे, जिसे परिवहन के लिए C-17 के कार्गो होल्ड में रखा जा सकेगा।"

पुराने मामले

क्या पहले कभी F-35 को इस तरह ले जाया गया है?

हां, मई 2019 में अमेरिकी वायु सेना ने फ्लोरिडा के एग्लिन एयर फोर्स बेस पर एक F-35A के पंखों को खोलकर इसे C-17 ग्लोबमास्टर विमान के माध्यम से यूटा के हिल एयर फोर्स बेस तक पहुंचाया था। इसी साल दक्षिण कोरिया में भी ऐसा मामला हुआ था। तब 2022 में बेली लैंडिंग करने वाले एक F-35A विमान के पंखों को हटाकर उसे सेओसान से चेओन्गजू एयर बेस तक सड़क मार्ग से ले जाया गया था।

टीम

5 जुलाई को पहुंच सकती है इंजीनियरों की टीम

खबर है कि ब्रिटेन से 40 इंजीनियरों की टीम 5 जुलाई को केरल पहुंच सकती है। माना जा रहा है कि ये टीम विमान को ठीक करने की कोशिश करेगी। इससे पहले बताया गया था कि विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी है, लेकिन अब स्टार्टिंग सिस्टम में भी दिक्कत की बात कही जा रही है। ब्रिटेन की वायु सेना हवाई अड्डे को पार्किंग और अन्य शुल्क का भुगतान करेगी।

केरल

केरल कैसे पहुंच गया ये लड़ाकू विमान?

यह विमान ब्रिटेन की रॉयल नेवी के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास के दौरान उड़ान भर रहा था। आपातकालीन लैंडिंग से पहले इसने केरल तट से लगभग 100 नॉटिकल मील दूरी से उड़ान भरी थी। 14 जून को खराब मौसम और कम ईंधन के कारण तिरुवनन्तपुरम हवाई अड्डे पर आपातकालीन परिस्थितियों में उतारा गया था।