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#NewsBytesExplainer: पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर क्या है विवाद?
हरियाणा और पंजाब में पानी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है

#NewsBytesExplainer: पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर क्या है विवाद?

लेखन आबिद खान
May 02, 2025
02:19 pm

क्या है खबर?

हरियाणा और पंजाब के बीच पानी को लेकर विवाद गहरा गया है। पंजाब ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद हरियाणा के कई हिस्सों में जलसंकट की स्थिति निर्मित हो गई है। इस मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 2 मई को सर्वदलीय बैठक भी की और 5 मई को विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया है। आइए जानते हैं पानी को लेकर दोनों राज्यों में क्या विवाद है।

ताजा विवाद

पानी को लेकर ताजा विवाद कब शुरू हुआ?

29 अप्रैल को मुख्यमंत्री मान ने एक वीडियो जारी कर हरियाणा का पानी रोकने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था, "हमारे पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी ज्यादा पानी नहीं है। हरियाणा सरकार 2 महीने पहले ही अपने कोटे का सारा पानी इस्तेमाल कर चुकी है। अगर केंद्र सरकार को जरूरत है तो पाकिस्तान जाने से जो पानी रोका है, वह पंजाब के डैम में भर दें। हम उसे आगे हरियाणा को दे देंगे।"

वजह

पंजाब ने क्यों रोका पानी?

मुख्यमंत्री मान ने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पूरा पानी पहले ही इस्तेमाल कर चुका है। मान ने कहा कि हरियाणा अपने हिस्से का 44 लाख एकड़ फुट पानी मार्च तक ले चुका है। पंजाब अभी हरियाणा को रोजाना 4,000 क्यूसेक पानी दे रहा है। पहले रोजाना 8,500 क्यूसेक देता था। मान ने तर्क दिया कि पंजाब के डेमों में पानी कम है, इसलिए वो हरियाणा को कोटे के अतिरिक्त पानी नहीं दे सकता।

विवाद

पानी को लेकर क्या है विवाद?

दरअसल, भाखड़ा नहर से पानी के आवंटन के लिए भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) बना हुआ है। भाखड़ा डैम में हरियाणा का लगभग 32 प्रतिशत हिस्सा है और उसे हर साल 44 लाख एकड़ फुट (MAF) पानी मिलता है। इसकी अवधि 21 मई से अगले साल 20 मई तक निर्धारित की गई है। हरियाणा को रोजाना 8,500 क्यूसेक पानी दिया जाता है। अब पंजाब का कहना है कि हरियाणा अपने हिस्से का 4.4 MAF पानी मार्च तक ले चुका है।

संधि

हरियाणा और पंजाब में पानी को लेकर क्या समझौता है?

1981 में हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में जल समझौता हुआ था। इसके तहत सतलज और व्यास नदियों के पानी में से पंजाब को 5,210 क्यूसेक, हरियाणा को 4,724 क्यूसेक और राजस्थान को 10,611 क्यूसेक पानी दिए जाना तय हुआ था। इससे पहले 1976 में केंद्र सरकार ने पंजाब के 7.2 MAF पानी में से 3.5 MAF हरियाणा को देने नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके लिए सतलज-यमुना लिंक नहर परियोजना बनी, लेकिन विवाद के चलते इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका।

इतिहास

दोनों राज्यों के बीच पानी विवाद का इतिहास क्या है?

हरियाणा और पंजाब पहले एक ही राज्य थे। 1966 में हरियाणा पंजाब से अलग होकर नया राज्य बना। इसके बाद सतलज और व्यास नदियों के पूरे पानी (7.2 MAF) पर पंजाब ने दावा कर दिया। हरियाणा ने भी 3.5 MAF पानी पर दावा किया। इसके बाद दोनों राज्यों में पानी को लेकर विवाद चलता रहा। दोनों के बीच 1976, 1981 और 1987 में पानी को लेकर अलग-अलग समझौते भी हुए।

पानी

क्या वाकई पंजाब के पास हरियाणा के लिए पानी नहीं है?

मुख्यमंत्री मान ने दावा किया है कि पंजाब के डैमों में पानी की कमी है। पंजाब के पौंग डैम का जलस्तर फिलहाल 1,306 फीट है। ये पिछले साल की तुलना में 40 फीट कम है। रणजीत सागर डैम का जलस्तर 1,643 फीट है, जो बीते साल की तुलना में 22 फीट कम है। इसी तरह भाखड़ा-नंगल डैम में फिलहाल 1,669 फीट पानी है। ये पिछले साल के मुकाबले 11 फीट कम है।

विवाद का हल

विवाद सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

दिल्ली में आज गृह मंत्रालय ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक की है। गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पानी विवाद पर चर्चा हुई। पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ में सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पार्टियां सरकार के साथ हैं। हरियाणा सरकार हाईकोर्ट में भी जाने की तैयारी कर रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजाब सरकार राजनीति कर रही है।