कौन हैं ब्रिटेन में जन्में बैरी गॉडफ्रे जॉन, जिनको पद्मश्री पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित?
क्या है खबर?
ब्रिटेन में जन्म लेने वाले बैरी गॉडफ्रे जॉन (78) को भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार 2025 से सम्मानित करने का फैसला लिया है।
बैरी थियेटर और फिल्म जगत का एक ऐसा नाम है, जिसने शाहरुख खान और मनोज वाजपेयी जैसे कई बॉलीवुड कलाकारों को एक्टिंग का ककहरा सिखाया है।
अविवाहित बैरी का जन्म फरवरी 1944 में मध्य इंग्लैंड में हुआ था। वे 1968 में भारत आ गए और यहीं रह गए।
आइए जानते हैं, बैरी के जीवन का सफर।
जीवन
12 साल की उम्र में काम करना शुरू किया
बैरी ब्रिटेन में एक ऐसे शहर में जगह जन्मे थे, जो कारखानों और खादनों से घिरा हुआ था। उन्होंने इंग्लैंड के स्कूल से पढ़ाई और लीड्स विश्वविद्यालय से स्नातक किया।
उनको बचपन से संगीत और थिएटर में रुचि थी, लेकिन माता-पिता ने उसको स्वीकार नहीं किया। उन्होंने 12 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए अखबार बेचते थे।
कॉलेज के दिनों में उन्होंने हैम बर्गर और स्टील की जाली बनाने वाली फैक्ट्री में मजदूरी तक की।
भारत यात्रा
22 साल की उम्र में आए भारत और यहीं के होकर रह गए
बैरी ने एक साक्षात्कार में बताया था कि वे भारत की संस्कृति और शास्त्रीय संगीत से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने कॉलेज के दिनों में उपनिषद पढ़ी थी और सबसे पहला नाटक 'कालिदास' किया था, जिसमें तबले की जगह गिटार उपयोग में लाए थे।
बैरी 22 साल की उम्र में भारत के बेंगलुरु पहुंचे और यहां 200 रुपये प्रतिमाह में शिक्षक की नौकरी की। बैरी यहां अंग्रेजी साहित्य पढ़ाते थे।
इसके बाद रेडियो कार्यक्रम और शाम को थिएटर करते थे।
दिल्ली
1970 में दिल्ली आए बैरी और शुरू किया काम
बैरी ने 1970 में बेंगलुरु से दिल्ली का रुख किया। उस समय उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। वे एक निर्माणाधीन इमारत श्रीराम सेंटर में रहते थे, जहां एक थिएटर समूह में शामिल हो गए।
विवाद के बाद श्रीराम सेंटर के सदस्यों ने बैरी को बाहर निकाल दिया। इसके बाद 1973 में बैरी ने थिएटर एक्शन ग्रुप (TAG) शुरू किया, जिसमें 1977 तक रहे।
TAG के सहयोग से उन्होंने सड़क और कामकाजी बच्चों के लिए थिएटर योजना 'नुक्कड़' शुरू की।
अभिनय
कई फिल्मों और धारावाहिकों में काम किया
बैरी ने 1977 से 1980 तक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) में युवाओं को अभिनय सिखाया। वे NSD की थिएटर इन एजुकेशन कंपनी के संस्थापक-निदेशक भी थे।
इसके बाद वे मुंबई गए और 'शतरंज के खिलाड़ी' और 'किस्सा कुर्सी का' फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने 1982 की 'गांधी' फिल्म में पुलिस अधीक्षक की भूमिका निभाई।
इसके अलावा शहीद उधम सिंह, तेरे बिन लादेन जैसी फिल्मों में काम किया। उन्हें फिल्मों में कभी मुख्य भूमिका नहीं मिली। वे थिएटर में आ गए।
स्कूल
1997 में खोला थिएटर स्कूल
बैरी ने 1997 में दिल्ली में 'इमागो स्कूल ऑफ एक्टिंग' और 2007 में 'बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियो' खोला। हालांकि, उन्होंने बाद में बैरी जॉन स्टूडियो से अपना नाता तोड़ लिया।
बैरी को 2012 में भारत की नागरिकता मिली और अब वे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में अपने घर में रहते हैं। उन्होंने किताबें लिखी और NCERT के लिए योगदान दिया।
उन्होंने पंकज कपूर, सुरेख सीकरी, अनुपम खेर, वरुण धवन, कुणाल कपूर, दीया मिर्जा जैसे कलाकारों को अभिनय सिखाया है।
जानकारी
कई पुरस्कार मिले
बैरी को संगीत नाटक अकादमी से राष्ट्रीय पुरस्कार और साहित्य कला परिषद पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी मीरा नायर प्रमुख दोस्त हैं। बैरी ने 'सलाम बॉम्बे' फिल्म के बाद एक बच्चा गोद लिया था और उसकी पढ़ाई का खर्च उठाया था।