
AI से बनी बाल यौन शोषण तस्वीरों पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश बना ब्रिटेन
क्या है खबर?
ब्रिटेन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बनी बच्चों की यौन शोषण वाली तस्वीरों पर प्रतिबंध के लिए कानून बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
सरकार ने कहा कि AI टूल्स का दुरुपयोग कर बच्चों की असली तस्वीरों को एडिट किया जा रहा है, जिससे गंभीर अपराध हो रहे हैं। ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी।
ब्रिटेन ने यह कदम बढ़ते साइबर अपराध और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
नए कानून में क्या प्रावधान हैं?
नए कानून में क्या प्रावधान हैं?
इस कानून के तहत AI टूल्स को बनाना, रखना और बांटना अवैध होगा, जिससे 5 साल तक की जेल हो सकती है।
इसके अलावा, 'पीडोफाइल मैनुअल' रखना भी अपराध होगा, जो लोगों को AI का इस्तेमाल कर बच्चों का यौन शोषण करने के तरीके सिखाता है। ऐसा करने पर 3 साल तक की सजा मिलेगी।
वेबसाइट चलाने वालों पर भी कार्रवाई होगी, जो ऐसे अवैध कंटेंट शेयर करते हैं। ऐसे अपराधियों को 10 साल तक की जेल हो सकती है।
रुख
बच्चों की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन का सख्त रुख
ब्रिटेन सरकार ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए यह कानून बेहद जरूरी था।
इंटरनेट वॉच फाउंडेशन (IWF) की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में डार्क वेब पर 3,500 से ज्यादा AI-जनरेटेड बाल शोषण की तस्वीरें मिलीं। गंभीर श्रेणी की तस्वीरों की संख्या भी 10 प्रतिशत बढ़ी है।
सरकार ने संसद में अपराध और पुलिसिंग विधेयक पेश किया है, जिसके तहत यह कानून जल्द लागू किया जाएगा। इससे बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाने में मदद मिलेगी।