#NewsBytesExplainer: केजरीवाल जेल से नहीं डाल सकते वोट, लेकिन अमृतपाल लड़ सकता है चुनाव, जानिए कैसे
क्या है खबर?
देश में लोकसभा चुनावों के बीच एक दिलचस्प मामला सामने आ रहा है।
रिपोर्ट है कि खालिस्तान समर्थक और फिलहाल असम की जेल में बंद अमृतपाल सिंह चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
दूसरी ओर, दिल्ली के मुख्यमंत्री और फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल मतदान नहीं कर पाएंगे।
आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्यों है कि जेल में रहते चुनाव लड़ा जा सकता है, लेकिन मतदान नहीं किया जा सकता है।
खबर
सबसे पहले जानिए अमृतपाल सिंह को लेकर क्या है रिपोर्ट?
रिपोर्ट के अनुसार, खालिस्तान समर्थक अलगाववादी और वारिस पंजाब दे का मुखिया अमृतपाल पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ेगा।
अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने भी इस बात की पुष्टि की है। उनकी मां ने कहा कि अमृतपाल पंजाब के मुद्दों को अच्छी तरह से जानता है और ये चुनाव उन्हीं मुद्दों पर लड़ा जाएगा।
इससे पहले अमृतपाल के वकील ने भी उसके चुनाव लड़ने की बात कही थी।
चुनाव
जेल से कैसे चुनाव लड़ सकता है अमृतपाल?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चूंकि अमृतपाल को अभी सजा नहीं हुई है, इसलिए वह चुनाव लड़ सकता है। यहां तक कि जिन लोगों को दोषी ठहराया गया है वे भी जेल की सजा समाप्त होने के 6 साल बाद चुनाव लड़ सकते हैं।
अमृतपाल एक प्रतिनिधि की मदद से जेल से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है।
अगर वो जीत जाता है तो शपथ लेने के लिए जेल से रिहा किया जा सकता है।
जेल से चुनाव
क्या पहले किसी ने जेल से लड़ा है चुनाव?
पहले ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब किसी ने जेल से चुनाव लड़ा।
1996 में मुख्तार अंसारी ने जेल में रहते हुए उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीता भी। वे कई बार जेल में रहते हुए चुनाव जीत चुके हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाला मामले में जेल में रहते हुए 1998 का लोकसभा चुनाव लड़ा और मधेपुरा सीट से जीत हासिल की थी।
कानून
जेल से मतदान को लेकर क्या है कानून?
भारत में जेल से मतदान करने का कोई प्रावधान नहीं है। यहां तक कि जो लोग दोषी नहीं ठहराए गए, वे भी जेल से वोट नहीं डाल सकते।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62 (5) में कहा गया है कि कानूनी रूप से पुलिस हिरासत में या जेल में बंद कोई भी व्यक्ति किसी भी चुनाव में मतदान नहीं कर सकता है।
जेल में बंद व्यक्ति की ओर से कोई दूसरा शख्स भी मतदान नहीं कर सकता है।
मतदान
तो क्या केजरीवाल नहीं कर पाएंगे मतदान?
दिल्ली में 25 मई को मतदान है और उससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई होनी है।
अगर केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो वे जेल में ही रहेंगे और मतदान नहीं कर पाएंगे।
इसी तरह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी अगर कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो वे भी मतदान नहीं कर पाएंगे।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
अमृतपाल अपने सहयोगी लवप्रीत सिंह की रिहाई के लिए समर्थकों के साथ बंदूकें और तलवारें लेकर अमृतसर के एक पुलिस स्टेशन में घुस गया था, जिसके बाद पुलिस को उसकी तलाश थी।
करीब एक महीने की लुकाछिपी के बाद पिछले साल अप्रैल में अमृतपाल को मोगा जिले के रोडे गांव के एक गुरुद्वारा से गिरफ्तार किया गया था।
बाद में अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया था।