केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले पर फिर बोला अमेरिका, कहा- हम अपने रुख पर कायम
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में अमेरिका ने एक बार फिर बयान दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वे अपने रुख पर कायम हैं और इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। बता दें कि पहले भी अमेरिका ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद भारत ने अमेरिका के राजनयिक को तलब कर आपत्ति जताई थी।
क्या बोला अमेरिका?
अमेरिका ने कहा कि वे निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को अंजाम तक पहुंचाने का समर्थन करते हैं और इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी सहित बाकी कार्रवाइयों पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेंगे।" मिलर विदेश मंत्रालय की प्रेस वार्ता के दौरान दिल्ली में अमेरिकी राजनयिक को तलब करने से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे।
कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज को लेकर भी बोला अमेरिका
मिलर ने कहा, "हम कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि टैक्स अधिकारियों ने उनके कुछ बैंक खातों को इस तरह से फ्रीज कर दिया है कि आगामी चुनावों में प्रभावी ढंग से प्रचार करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। हम इनमें से प्रत्येक मुद्दे के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं।" बता दें कि कांग्रेस ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि उसके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है।
भारत ने अमेरिकी राजनयिक को किया था तलब
इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा था कि अमेरिका भारतीय विपक्षी नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की रिपोर्टों पर बारीकी से नजर रख रहा है और एक निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया का समर्थन करता है। इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की कार्यवाहक मिशन उप प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया था। भारत ने कहा था कि उसकी कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं और उस पर आक्षेप लगाना अनुचित है।
जर्मनी ने भी की थी टिप्पणी
केजरीवाल कि गिरफ्तारी पर जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, "हमने केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले का संज्ञान लिया है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हम मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानक इस मामले में भी लागू होंगे।" जर्मनी की टिप्पणी के बाद विदेश मंत्रालय ने जर्मन दूतावास के उप प्रमुख जॉर्ज एंजवीलर को तलब किया था।
क्या है केजरीवाल की गिरफ्तारी का मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में केजरीवाल को सरगना बताया है। एजेंसी ने केजरीवाल को कई बार समन भेजे, लेकिन वे पेश नहीं हुए, जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया।