क्या है तेलंगाना का फोन टैपिंग विवाद, जिसमें पूर्व खुफिया प्रमुख को बनाया गया आरोपी?
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फोन टैपिंग विवाद ने तेलंगाना को हिला कर रख दिया है। अब मामले में तेलंगाना इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टी प्रभाकर राव को आरोपी नंबर 1 बनाया गया है।
आरोप है कि राव के आदेश पर ही भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पिछली तेलंगाना सरकार में विपक्षी नेताओं के फोन टैप किए गए थे।
राव अभी अमेरिका में हैं और उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
मामला
क्या है मामला?
NDTV के अनुसार, चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पिछली BRS सरकार में राज्य इंटेलिजेंस ब्यूरो (SIB) फोन टैप कर विपक्षी नेताओं की जासूसी कर रही थी।
सूत्रों के अनुसार, कुल एक लाख से अधिक फोन टैप किए गए थे। जिन नेताओं के फोन टैप किए गए, उनमें कांग्रेस, भाजपा और BRS के नेताओं के साथ-साथ मौजूदा मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का नाम भी शामिल है।
कई तेलुगु अभिनेताओं और कारोबारियों की जासूसी करने और उन्हें ब्लैकमेल करने का भी आरोप है।
कार्रवाई
मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई?
SIB के अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) की शिकायत पर हैदराबाद पुलिस ने 10 मार्च को मामले में FIR दर्ज की थी।
13 मार्च को BRS सरकार में उप पुलिस अधीक्षक (DSP) रहे डी प्रणीत राव को गिरफ्तार किया गया। प्रणीत पर अज्ञात व्यक्तियों की प्रोफाइल विकसित करने और गुप्त, अनधिकृत और अवैध रूप से उनकी जासूसी करने का आरोप है।
इसके बाद अपर DCP तिरुपथन्ना और ASP एन भुजंगा राव को भी मामले में गिरफ्तार किया गया।
आरोप
प्रभाकर राव का नाम क्यों उछला?
दरअसल, राज्य में कांग्रेस की सरकार आने पर प्रणीत ने जासूसी से संबंधित सारे सबूत मिटाने की कोशिश की थी और कई कंप्यूटर सिस्टमों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डाटा को नष्ट कर दिया था।
आरोप है कि प्रणीत ने ऐसा प्रभाकर राव के आदेश पर किया था। राव ने यह आदेश 3 दिसंबर, 2023 को विधानसभा चुनाव में BRS के ऊपर कांग्रेस की जीत के एक दिन बाद जारी किया था।
अन्य नाम
मामले में और किसका नाम?
मामले में एक तेलुगु न्यूज चैनल चलाने वाले श्रवण राव का नाम भी आया है। श्रवण अभी देश से बाहर हैं।
आरोप है कि उन्होंने एक स्थानीय स्कूल में इजरायल से आए फोन टैपिंग के उपकरण और सर्वर स्थापित करने में मदद की।
इसके अलावा पुलिस अधिकारी राधा किशन राव को भी आरोपी बनाया गया है।
श्रवण और राधा किशन के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
मामले में कुल 30 पुलिस अधिकारी रडार पर बताए जा रहे हैं।
नेता
क्या अभी तक मामले में किसी नेता का नाम सामने आया है?
इस जासूसी कांड में अभी तक BRS के किसी नेता का नाम सामने नहीं आया है। हालांकि, बिना किसी बड़े नेता की सहायता के इतना बड़ा जासूसी रैकेट चलाना संभव नहीं लगता।
मामले में एक BRS नेता के शामिल होने की अफवाहें भी हैं और अगर ये सच साबित होती हैं तो यह लोकसभा चुनाव से पहले चंद्रशेखर राव के लिए बड़ा झटका होगा।
इससे चुनाव में पार्टी की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।