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एक बार फिर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा भारतीय रुपया, तीन दिन में तीसरी गिरावट
भारतीय रुपया अमेरिका डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है

एक बार फिर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा भारतीय रुपया, तीन दिन में तीसरी गिरावट

Jul 13, 2022
03:51 pm

क्या है खबर?

आज एक बार फिर से लुढ़क कर भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। आज सुबह बाजार खुलने पर भारतीय रुपये में आठ पैसे की गिरावट देखने को मिली और ये डॉलर के मुकाबले 79.67 के स्तर पर पहुंच गया है। पिछले तीन दिन में ये तीसरी बार है जब रूपये की कीमत डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंची है।

पिछले दो दिन

सोमवार और मंगलवार को भी अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा था रुपया

आज से पहले रुपये की सबसे कम कीमत मंगलवार को दर्ज की गई थी। इस दिन यह बाजार खुलने पर 13 पैसे गिरकर डॉलर के मुकाबले 79.58 के स्तर पर पहुंच गया था। बाद में ये थोड़ा और कमजोर हुआ और 79.59 पर बंद हुआ। सोमवार को भी रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा था। इस दिन यह डॉलर के मुकाबले 79.45 के स्तर पर बंद हुआ था जो तब तक इसकी सबसे कम कीमत थी।

गिरावट

मार्च से ही गिर रही है भारतीय रुपये की कीमत

भारतीय रुपये की कीमत में मार्च के बाद से ही गिरावट देखने को मिल रही है और ये कई बार अपने सबसे निचले स्तर को छू चुका है। जनवरी में डॉलर के मुकाबले इसकी कीमत 74 के आसपास थी, लेकिन मार्च में ये पहली बार 77 से नीचे पहुंचा और तब से लगातार गिर रहा है। रुपये की कीमत में ये गिरावट जल्द थमने की संभावना न के बराबर है और ये 80 के आंकड़े को पार कर सकता है।

प्रयास

गिरावट को रोकने में असफल रहे हैं RBI के प्रयास

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये के मूल्य में गिरावट को रोकने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है, हालांकि उसके सारे प्रयास विफल रहे हैं। हाल ही में उसने देश में डॉलर का निवेश बढ़ाने के लिए विदेशी निवेशकों को शॉर्ट-टर्म कॉर्पोरेट कर्ज खरीदने की अनुमति दी थी। इसके अलावा उसने सौदों का भुगतान रुपये में करने की अनुमति भी दी है। इससे पहले वह दो बार रेपो रेट में बदलाव कर चुका है और अब ये 4.90 प्रतिशत है।

कारण

क्यों गिर रही है रुपये की कीमत?

भारतीय रुपये की कीमत गिरने के कई कारण है। इसका एक अहम कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है। रूस-यूक्रेन युद्ध और तेल की बढ़ती कीमतों जैसी वजहों से सुरक्षित माने जाने वाले डॉलर में निवेश बढ़ा है। इसके अलावा भारत से विदेशी निवेश के जाने और घरेलू बाजार में विदेशी निवेश के कम होने का असर भी पड़ा है। अक्टूबर 2021 से विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 3.45 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है।