NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / भारत के पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की बढ़ रही मांग, अब इस देश ने दिखाई दिलचस्पी?
    अगली खबर
    भारत के पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की बढ़ रही मांग, अब इस देश ने दिखाई दिलचस्पी?
    भारत के पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी मांग (तस्वीर: एक्स/@HimanshuSachanx)

    भारत के पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की बढ़ रही मांग, अब इस देश ने दिखाई दिलचस्पी?

    लेखन भारत शर्मा
    Nov 12, 2024
    05:37 pm

    क्या है खबर?

    भारत अब रक्षा उपकरणों को निर्यात करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

    इसका कारण है कि हथियारों के सबसे बड़े निर्यातकों में शामिल फ्रांस ने भारत में निर्मित पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम में दिलचस्पी दिखाई है।

    उससे पहले युद्ध ग्रस्त आर्मेनिया भी भारत को पिनाक का ऑर्डर दे चुका है।

    बता दें कि भारत लंबे समय से अपने पिनाक सिस्टम को अमेरिका में निर्मित हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) के बराबर बता रहा है।

    सफलता

    पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का परीक्षण करेगा फ्रांस

    फ्रांसीसी सेना के जनरल इंटरनेशनल अफेयर्स ब्रिगेडियर जनरल स्टीफन रिचौ ने द हिंदू से कहा, "भारत ने फरवरी में हमारे सेना प्रमुख को पिनाका भेंट किया था। यह बहुत दिलचस्प है। हम इस सिस्टम के तीन-चार सर्वश्रेष्ठ निर्यातकों का मुल्यांकन कर रहे हैं। हमारी विशेषज्ञों की टीम आने वाले सप्ताह में भारत जाकर पिनाक सिस्टम और गोला-बारूद का परीक्षण करेगी।"

    रिचौ पिछले सप्ताह दिल्ली में आयोजित 20वीं आर्मी स्टाफ वार्ता में शामिल होने के लिए भारत आए थे।

    पिनाक

    क्या है पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम?

    पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है।

    इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की अहम शाखा पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE) द्वारा विकसित किया गया था।

    इस हथियार का विकास 80 के दशक के अंत में रूस द्वारा निर्मित मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम के विकल्प के रूप में शुरू हुआ था। यह रक्षा क्षेत्र में भारत की बड़ी सफलता है।

    खासियत

    क्या है पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की खासियत?

    पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम केवल 44 सेकंड में 12 रॉकेट दाग सकता है, यानी हर 4 सेकेंड में एक रॉकेट। इसकी एक बैटरी में छह लॉन्च वाहन होते हैं।

    इसके लोडर सिस्टम, रडार और नेटवर्क आधारित सिस्टम और एक कमांड पोस्ट के साथ लिंक होते हैं।

    वर्तमान में इसके 2 संस्करण हैं। पहला मार्क I है, जिसकी रेंज 40 किलोमीटर है और दूसरा मार्क-II है, जिसकी रेंज 75 किलोमीटर है। इसकी रेंज 120-300 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना है।

    गति

    कितनी है पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम की गति?

    पिनाक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम में 214 मिलिमीटर के 12 रॉकेट होते हैं। पिनाक रॉकेट्स की गति ही इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाती है।

    इसकी गति 5,757.70 किलोमीटर प्रतिघंटा है, यानी एक सेकेंड में 1.61 किलोमीटर की गति से हमला करता है। इसके पिछले साल इसके 24 परीक्षण किए गए थे।

    लॉन्चर की शूट-एंड-स्कूट क्षमता इसे काउंटर-बैटरी फायर से बचने में भी सक्षम बनाती है। इसे गतिशीलता प्रदान करने के लिए ट्रक पर लगाया जाता है।

    जानकारी

    भारतीय सेन ने करगिल युद्ध में किया था इसका इस्तेमाल

    भारतीय सेना वर्तमान में 4 पिनाक रेजिमेंट का संचालन करती है, लेकिन अब 6 रिजमेंट और तैयार की जा रही है। इसका पहली बार इस्तेमाल 1999 के करगिल युद्ध में किया था। इसने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अहम पड़ावों में भारत को सफलता दिलाई थी।

    इस्तेमाल

    आर्मेनिया द्वारा पिनाक का उपयोग

    पिनाक प्रणाली को पहले ही आर्मेनिया से ऑर्डर और अन्य देशों से रुचि के साथ निर्यात में सफलता मिल चुकी है।

    भारत 2,100 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत आर्मेनिया को पिनाक का निर्यात करता है। वह पिनाक का पहला आयातक है।

    भारत के आर्मेनिया को पिनाक निर्यात किए जाने के बाद अजरबैजान ने अपना विरोध दर्ज कराया था और भारत से अपने निर्णय पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था।

    आर्मेनिया ने अजरबैजान के खिलाफ इसी का इस्तेमाल किया है।

    तुलना

    अमेरिकी HIMARS से तुलना

    HIMARS में एक मध्यम आकार का सामरिक ट्रक है, जिसमें 227 मिलीमीटर के 6 GPS-निर्देशित रॉकेट हैं। इसकी रेंज 69 किलोमीटर से ज़्यादा है।

    इसे गाइडेड मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (GMLRS) के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक रॉकेट में 200 पाउंड का उच्च विस्फोटक वारहेड होता है। GPS की मदद से प्रत्येक रॉकेट लक्ष्य बिंदु से 16 फीट के भीतर गिरता है।

    इसे लॉकहीड मार्टिन ने विकसित था। इसे पहली बार 1993 में सार्वजनिक किया गया था।

    जानकारी

    इन देशों में होता है HIMARS का निर्यात 

    HIMARS ने अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार किया है। अमेरिका इसे जॉर्डन, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों में निर्यात करता है। इसी तरह, अब भारत पिनाक सिस्टम फ्रांस के अलावा इंडोनेशिया और दो अन्य दक्षिण अमेरिकी देशों ने भी रुचि दिखाई है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    भारतीय सेना
    रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
    अमेरिका
    फ्रांस

    ताज़ा खबरें

    जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में जवान शहीद, 2 आतंकी मारे गए जम्मू-कश्मीर
    'हेरा फेरी' के लिए परेश रावल को मिली थी इतनी रकम, सुनील-अक्षय की फीस भी जानिए परेश रावल
    बीकानेर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को कांग्रेस ने खोखला डॉयलाग बताया, फिर पूछे सवाल नरेंद्र मोदी
    भ्रष्टाचार मामले में सत्यपाल मलिक समेत 5 के खिलाफ CBI का आरोपपत्र दाखिल, जानिए मामला सत्यपाल मलिक

    भारतीय सेना

    भारत निर्मित लाइट टैंक जोरावर की दिखी झलक, बहुत कम समय में हुआ विकसित  रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
    जम्मू-कश्मीर: कुलगाम में 5 आतंकी ढेर, 2 जवान शहीद; राजौरी में सेना के कैंप पर हमला जम्मू-कश्मीर
    क्या है स्वदेशी लाइट युद्धक टैंक 'जोरावर' की खासियत, जिसे LAC पर किया जाएगा तैनात? रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
    #NewsBytesExplainer: क्या है नेक्स्ट ऑफ किन, शहीद अंशुमान के परिवार ने इस पर क्यों उठाए सवाल? सियाचिन

    रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)

    'नारी शक्ति' से लेकर 'शंखनाद' तक, 70वें गणतंत्र दिवस परेड में ये सब हुआ पहली बार भारत की खबरें
    'मिशन शक्ति' पर पूर्व DRDO प्रमुख का दावा, कांग्रेस सरकार ने नहीं दी थी मंजूरी ISRO
    विमान में पुरानी टेक्नोलॉजी के कारण अभिनंदन को वॉर रूम से नहीं मिले थे संदेश भारत की खबरें
    सेना प्रमुख रावत बोले- स्वदेशी हथियारों से लड़ा जाएगा अगला युद्ध और हम जीतेंगे चीन समाचार

    अमेरिका

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024: 5 नवंबर को होगा मतदान, जानिए चुनाव से जुड़ी हर जरूरी जानकारी अमेरिकी चुनाव
    अमेरिका में आज होगा राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान, जानिए हैरिस और ट्रंप में कौन आगे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव
    न्यूयॉर्क: माइकल जॉर्डन की जर्सी समेत अन्य वस्तुएं 71 करोड़ से ज्यादा रुपये में हुई नीलाम न्यूयॉर्क
    अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे कब आएंगे, कहां देख सकेंगे? अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव

    फ्रांस

    गेब्रियल अटाल बने फ्रांस के सबसे युवा और पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री, जानें कौन हैं वो इमैनुएल मैक्रों
    फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों की भारत यात्रा; सैन्य-औद्योगिक रोडमैप पर फोकस, कैसा रहेगा दौरा?  इमैनुएल मैक्रों
    केंद्र सरकार का फ्रांसिसी पत्रकार को नोटिस, पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग करने का आरोप दिल्ली
    गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों आएंगे भारत, जानें क्या है तैयारी  गणतंत्र दिवस
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025