NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / #NewsBytesExplainer: अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से AFSPA हटाने के संकेत दिए, क्या है ये विवादित कानून?
    अगली खबर
    #NewsBytesExplainer: अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से AFSPA हटाने के संकेत दिए, क्या है ये विवादित कानून?
    सैन्य बलों को विशेष शक्ति देने वाला AFSPA बेहद विवादित कानून है

    #NewsBytesExplainer: अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से AFSPA हटाने के संकेत दिए, क्या है ये विवादित कानून?

    लेखन आबिद खान
    संपादन मुकुल तोमर
    Mar 27, 2024
    09:51 am

    क्या है खबर?

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA) कानून हटाने पर विचार कर रही है।

    उन्होंने ये भी बताया कि सरकार जम्मू-कश्मीर से सेना को वापस बुलाने की भी योजना बना रही है।

    बता दें कि लंबे समय से जम्मू-कश्मीर से AFSPA हटाने की मांग हो रही है। आइए इस कानून के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं।

    कानून

    AFSPA कानून क्या है?

    AFSPA यानी आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट, इसे ब्रिटिश सरकार ने क्रांतिकारियों के आंदोलनों को कुचलने के लिए लागू किया था। इसके तहत सैन्य बलों को विशेष अधिकार दिए गए हैं।

    भारत के आजाद होने के बाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राज्यों की स्थिति को देखते हुए इसे जारी रखने का फैसला लिया था। 1958 में एक अध्यादेश के जरिए AFSPA के वर्तमान स्वरूप को लाया गया। संसद की स्वीकृति के बाद सितंबर, 1958 को AFSPA एक कानून बना।

    अधिकार

    AFSPA में सैन्य बलों को क्या विशेष अधिकार दिए गए हैं?

    AFSPA में सैन्य बलों को कई विशेष अधिकार मिले हैं। सबसे बड़ा अधिकार है कि सैनिक कानून तोड़ने वाले किसी व्यक्ति पर बल प्रयोग कर सकते हैं और यहां तक कि गोली भी चला सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने से पहले चेतावनी देना जरूरी है।

    इसके अलावा सैन्य बल बिना वारंट के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकते हैं और तलाशी ले सकते हैं। सुरक्षा बलों के खिलाफ केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना कोई मुकदमा दर्ज नहीं हो सकता।

    प्रक्रिया

    कहां लागू किया जाता है AFSPA और इसकी प्रक्रिया क्या है?

    किसी भी क्षेत्र में उग्रवादी तत्वों की अत्यधिक सक्रियता या विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषायी, क्षेत्रीय समूहों, जातियों और समुदायों के बीच विवाद महसूस होने पर संबंधित राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र द्वारा उस क्षेत्र को 'अशांत' घोषित कर वहां AFSPA लागू किया जाता है और केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की जाती है।

    राज्यपाल को आधिकारिक राजपत्र में इस संबंध में एक उपयुक्त अधिसूचना भी जारी करनी होती है।

    लागू

    कब कहां लागू किया गया AFSPA? 

    केंद्र सरकार ने सबसे पहले 11 सितंबर, 1958 को अलगाववाद, हिंसा और विदेशी आक्रमणों से रक्षा के लिए असम और मणिपुर में AFSPA लागू किया था।

    इसके बाद 1972 में कुछ संशोधनों के बाद त्रिपुरा, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड सहित पूरे पूर्वोत्तर में इसे लागू कर दिया गया।

    इसी तरह 1983 में केंद्र सरकार AFSPA (पंजाब और चंडीगढ़) अध्यादेश लेकर आई और 6 अक्टूबर, 1983 को इसे कानून का रूप देकर दोनों जगह लागू कर दिया गया।

    जानकारी

    जम्मू-कश्मीर में लागू है AFSPA

    1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में आतंक अपने चरम पर पहुंच गया था। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने इसी तरह का एक कानून पास करने का फैसला लिया, जिसके जरिए 5 जुलाई, 1990 को सरकार ने पूरे जम्मू-कश्मीर में AFSPA लागू कर दिया था।

    क्षेत्र

    अभी किन-किन राज्यों में लागू है AFSPA?

    सरकार समय-समय पर हालात को देखते हुए AFSPA कानून को हिंसाग्रस्त क्षेत्र से हटाती या लागू करती रहती है। फिलहाल असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और नागालैंड के कुछ हिस्सों में ये कानून लागू है।

    त्रिपुरा से 2015 में और मेघालय से 2018 में इस कानून को हटा लिया गया था। इससे पहले 14 साल तक लागू रहने के बाद 1997 में पंजाब और चंडीगढ़ से भी इसे हटा दिया गया था।

    विरोध

    क्यों होता है AFSPA का विरोध?

    विभिन्न मानवाधिकार संगठन, अलगाववादी और राजनीतिक पार्टियां AFSPA का विरोध करते आ रहे हैं। वो इसके पीछे मौलिक अधिकारों के हनन का तर्क देते हैं।

    2016 में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि धारा 6 के तहत सेना को 'खुली छूट' नहीं दी जा सकती है।

    2021 में संयुक्त राष्ट्र ने भी कहा था कि लोकतंत्र में AFSPA का कोई स्थान नहीं है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।

    इसके दुरुपयोग के मामले इसके विरोध का कारण बनते हैं।

    विरोध

    AFSPA के विरोध के चर्चित मामले 

    AFSPA के विरोध का सबसे बड़ा नाम इरोम शर्मिला का है। साल 2000 में मणिपुर में 10 लोगों को सैन्य बलों ने गोली मार दी थी। इस घटना के विरोध में इरोम शर्मिला ने 16 साल तक भूख हड़ताल की थी।

    इसके अलावा 2004 में मणिपुर की थंगजाम मनोरमा की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप सेना के जवानों पर लगा। इस घटना के विरोध में करीब 30 महिलाओं ने नग्न होकर प्रदर्शन किया था।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    अमित शाह
    सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA)
    #NewsBytesExplainer
    जम्मू-कश्मीर

    ताज़ा खबरें

    IPL 2025: शुभमन गिल का DC के खिलाफ बेहद खराब रहा है प्रदर्शन, जानिए आंकड़े  शुभमन गिल
    RCB बनाम KKR: बारिश की भेंट चढ़ा मैच, प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हुई कोलकाता IPL 2025
    राहुल ने पाकिस्तान को 'ऑपरेशन सिंदूर' की सूचना देने पर उठाए सवाल, केंद्र ने दिया जवाब राहुल गांधी
    IPL में सलामी बल्लेबाज के तौर पर केएल राहुल का कैसा रहा है प्रदर्शन? जानिए आंकड़े  केएल राहुल

    अमित शाह

    #NewsBytesExplainer: मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री नहीं होंगे शिवराज? ये घटनाएं दे रहीं संकेत शिवराज सिंह चौहान
    राजस्थान: अमित शाह की देर रात भाजपा नेताओं संग बैठक, बिना मुख्यमंत्री चेहरे के उतरेगी पार्टी राजस्थान
    गृह मंत्री अमित शाह बोले- 2 साल में देश से पूर्ण साफ हो जाएगा वामपंथी उग्रवाद नक्सलवाद
    पश्चिम बंगाल: अमित शाह बोले- CAA को कोई रोक नहीं सकता, कानून को लागू करके रहेंगे पश्चिम बंगाल

    सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA)

    चर्चित कानून: क्या है AFSPA और इसको लेकर क्यों रहा है लंबे समय से विवाद? नागालैंड
    नागालैंड फायरिंग: AFSPA और अमित शाह के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन, दोषियों पर कार्रवाई की मांग लोकसभा
    नागालैंड: स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद छह महीने आगे बढ़ा गया AFSPA गृह मंत्रालय
    केंद्र का बड़ा फैसला, कम किए गए AFSPA के तहत आने वाले पूर्वोत्तर के क्षेत्र मणिपुर

    #NewsBytesExplainer

    #NewsBytesExplainer: राहुल गांधी क्यों छोड़ सकते हैं वायनाड सीट? कांग्रेस समाचार
    हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस के विधायकों के बगावत करने का क्या कारण है? हिमाचल प्रदेश
    हिमाचल प्रदेश: कौन हैं कांग्रेस के 6 बागी विधायक, जिन्होंने बढ़ाई सुक्खू की मुश्किलें? हिमाचल प्रदेश
    #NewsBytesExplainer: WTO मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में किन मुद्दों पर बनी सहमति, भारत के लिए क्या रहा खास? विश्व व्यापार संगठन (WTO)

    जम्मू-कश्मीर

    जम्मू-कश्मीर: लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने अमेरिका निर्मित M4 कार्बाइन राइफलों से किया था हमला, तस्वीरें जारी लश्कर-ए-तैयबा
    राजौरी-पुंछ हमलों के पीछे चीन और पाकिस्तान की बड़ी साजिश? लद्दाख से सेना हटवाने की योजना चीन समाचार
    क्या है आतंकी संगठन PAFF, जिसने पुंछ में भारतीय सैनिकों को बनाया निशाना? भारतीय सेना
    जम्मू-कश्मीर में सेना ने घुसपैठ की बड़ी कोशिश नाकाम की, एक आतंकवादी ढेर कश्मीर
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025