#NewsBytesExplainer: मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री नहीं होंगे शिवराज? ये घटनाएं दे रहीं संकेत
मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होना है, जिसके लिए भाजपा ने उम्मीदवारों के नामों की 3 सूची जारी कर दी है। दूसरी सूची में कई केंद्रीय मंत्रियों समेत सांसदों के भी नाम हैं। कुछ नाम ऐसे भी हैं, जो सीधे तौर पर मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। इसे वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है। आइए समझते हैं कि शिवराज की कुर्सी पर क्यों खतरा मंडरा रहा है।
दूसरी सूची में कई बड़े नाम
भाजपा की दूसरी सूची में 3 केंद्रीय मंत्रियो- नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम है। इसके अलावा संगठन महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी मैदान में हैं। विजयवर्गीय और तोमर को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जाता है। विजयवर्गीय तो कई बार खुले तौर पर मुख्यमंत्री पद की इच्छा जाहिर कर भी चुके हैं। विधानसभा का टिकट मिलने पर उन्होंने आश्चर्य जताते हुए खुद को 'बड़ा नेता' बताया था।
भोपाल में मोदी के भाषण से शिवराज का नाम गायब
25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में जन आशीर्वाद यात्रा के समापन कार्यक्रम को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में न तो शिवराज सिंह और न ही उनकी किसी योजना का जिक्र किया। इसे लेकर कांग्रेस ने भी भाजपा पर निशाना साधा था। माना जाता है कि शिवराज मोदी और अमित शाह की पहली पसंद नहीं हैं। पार्टी का आला नेतृत्व उन्हें अनदेखा करता आ रहा है।
मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं
भाजपा ने मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी चेहरे का ऐलान नहीं किया है। पिछले महीने जब शाह से पूछा गया कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा तो उन्होंने शिवराज का नाम नहीं लिया। शाह ने कहा, "यह हमारी पार्टी का काम है, हम तय करेंगे।" उम्मीदवारों की किसी भी सूची में शिवराज का नाम शामिल नहीं हैं। आमतौर पर पहली सूची में ही मुख्यमंत्री का नाम होता है।
शिवराज ने अधिकारियों और मंत्रियों को दिया धन्यवाद
शिवराज ने 26 सितंबर को सभी मंत्रियों, विभागों के प्रमुख सचिवों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों के लिए सभी मंत्रियों को धन्यवाद कहा। कोरोना महामारी के दौरान काम करने के लिए अधिकारियों को भी सराहा। इसी दिन शिवराज ने ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्रियों की भी सराहना की। इसमें कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के नाम भी शामिल थे। शिवराज के इस कदम को विदाई के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
शिवराज ने उम्मीदवारों को घंटों बाद दी बधाई
भाजपा ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची 25 सितंबर की शाम को जारी की थी। इसके बाद से ही कई वरिष्ठ नेताओं ने उम्मीदवारों को बधाई देना शुरू कर दिया था, लेकिन शिवराज ने बधाई नहीं दी। शिवराज ने अगले दिन सुबह करीब 13 घंटे बाद उम्मीदवारों को बधाई दी। राजनीतिक हलकों में कयास लगने शुरू हुए कि शिवराज सूची के नामों से खुश नहीं हैं, इसीलिए बधाई देने में जानबूझकर देरी की।
मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों पर शिवराज का क्या कहना है?
दूसरी सूची जारी होने के बाद से ही शिवराज को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की अटकलें हैं। इस पर शिवराज ने कहा, "भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इससे भाजपा की बड़ी जीत सुनिश्चित हो गई है। हमारे सभी वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ेंगे।" अखबार द टेलीग्राफ से बात करते हुए एक नेता ने कहा, ''इसकी कोई गारंटी नहीं है कि अगर भाजपा सत्ता में वापस आती है तो शिवराज मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
न्यूजबाइट्स प्लस
2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में राज्य की 230 सीटों में से 114 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, वहीं भाजपा के खाते में 109 सीटें आई थीं। नतीजों के बाद कांग्रेस ने सरकार बनाई थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों की बगावत के बाद मार्च, 2020 में कांग्रेस सरकार गिर गई और शिवराज के नेतृत्व में भाजपा ने सरकार बना ली। सिंधिया कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे।