क्या है आतंकी संगठन PAFF, जिसने पुंछ में भारतीय सैनिकों को बनाया निशाना?
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में 21 दिसंबर को हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हो गए हैं और 2 घायल हुए हैं। घायल सैनिकों का अस्पताल में इलाज जारी है।
इस बीच हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है। हाल ही में इस संगठन ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों और नागरिकों पर कई हमले किए हैं।
आइए इस संगठन के बारे में जानते हैं।
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लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है PAFF
PAFF मौलाना मसूद अजहर के नेतृत्व वाले जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का एक छद्म संगठन है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संगठन को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से फंडिंग भी मिलती है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पहली बार इस संगठन का नाम सामने आया था।
जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी घटनाओं और सुरक्षा बलों पर हमले में संगठन का नाम सामने आता रहा है। अब तक करीब 40 घटनाओं में PAFF का नाम सामने आया है।
हमला
हमलों के वीडियो बनाते हैं PAFF के हमलावर
PAFF के आतंकवादी अपने हमलों को फिल्माने के लिए बॉडी कैमरों का उपयोग करने के लिए जाने जाते हैं। बाद में वे इन वीडियो का इस्तेमाल प्रौपेगेंडा फैलाने के लिए करते हैं।
इसी साल अप्रैल में, PAFF ने पुंछ में एक सेना के ट्रक पर हमला किया था और इसका वीडियो बनाया था। बाद में जारी हुए इस वीडियो में सैनिकों के हथियारों के साथ क्षेत्र से भागते हुए दिखाया गया था।
बुलेट
स्टील बुलेट का इस्तेमाल करते हैं PAFF के आतंकवादी
हालिया हमले के लिए आतंकवादियों ने अमेरिका में बनी M-4 कार्बाइन राइफल का इस्तेमाल किया है। 2016 के बाद से जैश के आतंकियों के पास से सुरक्षाबलों को 4 M-4 राइफल मिली है। ये एक हल्की, गैस-संचालित, मैग्जीन-संचालित कार्बाइन है।
आतंकी इसी राइफल में स्टील की बुलेट का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि ये आसानी से वाहनों को चीर सकती है और इससे नुकसान ज्यादा होता है। PAFF के हमलों में इस तरह के पैटर्न को देखा गया है।
वारदात
कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है PAFF
पिछले साल राजौरी में सेना के कैंप पर PAFF आतंकियों ने हमला किया था। इसमें 4 जवान शहीद हुए थे।
14 अक्टूबर, 2021 को तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों ने हमला कर 9 जवानों को शहीद कर दिया था। इस हमले में भी PAFF का नाम सामने आया था।
3 अक्टूबर, 2022 को जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (जेल) हेमंत लोहिया की घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। इसकी जिम्मेदारी भी PAFF ने ली थी।
हमला
आतंकियों ने कैसे किया हमला?
20 दिसंबर की रात से सेना राजौरी में थानामंडी के जनरल एरिया ढेरा की गली (DKG) में एक ऑपरेशन चलाया जा रहा था।
21 दिसंबर को लगभग 3 बजे सेना के 2 वाहन सैनिकों को लेकर ऑपरेशन के लिए सुरनकोट के बुफलियाज से राजौरी के थानामंडी की जा रहे थे, तभी घात लगाए बैठे आतंकियों ने हमला कर दिया।
राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर DKG और बुफलियाज के बीच वाले इस इलाके में घने जंगल हैं।