वागनर समूह क्या है और पुतिन का खास रूसी सेना को चुनौती क्यों दे रहा?
क्या है खबर?
रूस के निजी सैनिक समूह वागनर ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत कर दी है।
वागनर के सैनिकों ने रोस्तोव में रूसी सेना के मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है और अब राजधानी मॉस्को की तरफ बढ़ रहे हैं।
वागनर समूह के मुखिया येवगेनी प्रिगोजिन ने दावा किया है कि वे रूस के सैन्य नेतृत्व को हटा देंगे। इस बीच पुतिन ने भी वागनर पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
समूह
क्या है वागनर समूह?
वागनर समूह एक तरह की निजी सेना है, जो रूस की राष्ट्रीय सेना की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मदद करती रही है। कहा जाता है कि पहली बार इसका नाम साल 2014 में सामने आया था।
इसकी स्थापना दिमित्री उत्कीन ने की थी, जो 20 साल तक रूसी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
उत्कीन को वागनर नाम से भी बुलाया जाता था, इसीलिए इस समूह का नाम भी वागनर पड़ गया।
सैनिक
वागनर समूह में कितने सैनिक हैं?
शुरुआत में वागनर एक गुप्त संगठन था और छुपकर काम करता था। अफ्रीका और मध्य पूर्व में इसके सैनिक तैनात थे। तब रूसी सेना के साथ भी इसके संबंधों का भी खुलासा नहीं हुआ था।
2014 की मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस समूह में रूस की विशिष्ट रेजिमेंट और विशेष बलों के लगभग 5,000 लड़ाके थे।
इसी साल जनवरी में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि वागनर समूह में अब करीब 50,000 लड़ाके शामिल हैं।
तनख्वाह
सैनिकों को कितनी तनख्वाह मिलती है?
BBC से बात करते हुए वागनर के एक पूर्व सैनिक ने बताया था कि वागनर समूह में काम करने वालों को 1,500 डॉलर (करीब 1.22 लाख रुपये) तनख्वाह मिली है। अगर कोई सैनिक युद्ध लड़ने जाता था तो उसे 2,000 डॉलर (1.6 लाख रुपये) मिलते थे।
इसी रिपोर्ट में कहा गया है यूक्रेन युद्ध से पहले इस समूह में शामिल होने वाले लोग छोटे-छोटे गांवों से आते थे, जहां नौकरी मिलना मुश्किल होता था।
अपराधी
समूह के 80 प्रतिशत सैनिक अपराधी
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस साल कहा था कि यूक्रेन में लड़ रहे वागनर समूह के करीब 80 प्रतिशत सैनिक अपराधी रह चुके हैं और इन्हें जेल से निकालकर भर्ती किया गया था। इनमें कई पूर्व सैनिक रह चुके हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समूह में सीरिया, अफगानिस्तान जैसे देशों से भी लोग शामिल हो रहे हैं। कहा जाता है कि 18 देशों में इस समूह की मौजूदगी है।
प्रिगोजिन
कौन है वागनर का मुखिया प्रिगोजिन?
फिलहाल प्रिगोजिन ही वागनर समूह का कामकाज संभाल रहे हैं। वे कई मामलों में अपराधी रहे हैं और जेल भी जा चुके हैं।
बताया जाता है कि जेल से रिहा होने के बाद प्रिगोजिन ने हॉटडॉग बेचना शुरू किया और बाद में खुद का रेस्त्रां खोल लिया।
ये रेस्त्रां इतना प्रसिद्ध हुआ कि पुतिन अपने मेहमानों के साथ यहां आने लगे। इसी दौरान प्रिगोजिन की पुतिन से नजदीकी बढ़ने लगी।
वजह
क्यों आमने-सामने आए प्रिगोजिन और पुतिन?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों के बीच मतभेद की शुरुआत जनवरी में हुई थी। प्रिगोजिन का कहना है कि वागनर लड़ाकों ने यूक्रेन के दोनेत्सक क्षेत्र के नमक-खनन शहर सोलेडर पर कब्जा किया था, लेकिन इसका पूरा श्रेय रूसी सेना ने ले लिया।
इसके बाद से ही प्रिगोजिन कई बार शिकायत कर चुके हैं कि रूसी सेना वागनर को पर्याप्त गोला-बारूद उपलब्ध नहीं करा रही है।
प्रिगोजिन का आरोप है कि वागनर के कैंप पर रूस ने मिसाइल हमले किए।