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बैंक के कॉल सेंटर से लीक डाटा बढ़ा रहा ऑनलाइन धोखाधड़ी, जानिए कैसे हो रही 
बैंक के कॉल सेंटर से आपकी गोपनीय जानकारी लीक हो रही है (तस्वीर: फ्रीपिक)

बैंक के कॉल सेंटर से लीक डाटा बढ़ा रहा ऑनलाइन धोखाधड़ी, जानिए कैसे हो रही 

Aug 17, 2025
11:40 am

क्या है खबर?

डिजिटल युग में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और जालसाज नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगा जा रहा है। अब साइबर अपराधी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन कर ठगी कर रहे हैं। उनके पास पीड़ितों की पूरी जानकारी होती है। यह इसलिए मुमकिन है, क्योंकि बैंक के कॉल सेंटर के कर्मचारी ही जालसाजों को ग्राहकों की जानकारी साझा कर रहे हैं। आइए जानते हैं इस जानकारी से ठगी को कैसे अंजाम दिया जा रहा है।

खुलासा 

पकड़ा गया डाटा लीक करने वाला गिरोह

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहकों का गोपनीय डाटा साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराता था। इसमें गुरूग्राम स्थित टेलीपरफार्मेंस नामक एक कॉल सेंटर के कर्मचारी भी शामिल थे। लीक हुए इस डाटा की मदद से ठगों ने दिल्ली को छोड़कर देशभर में SBI के क्रेडिट कार्डधारकों से लगभग 2.6 करोड़ रुपये की ठगी की है। उन्होंने खुद को बैंक अधिकारी बता कर लोगों को झांसे में फंसाया।

शुरुआत 

ऐसे मिलता है धोखाधड़ी के लिए डाटा 

धोखाधड़ी का यह खेल ग्राहकों के डाटा चोरी से शुरू होता है। कई कंपनियों से ग्राहकों की जानकारी लीक होती है और इसे डार्क वेब पर बेचा जाता है। नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल से लेकर कार्ड का विवरण तक अपराधियों के हाथ में पहुंच जाता है। अपराधी इस जानकारी का इस्तेमाल कर नकली कॉलर ID और वास्तविक जैसी बातचीत कर लोगों का भरोसा जीतते हैं। ऐसे में बैंकिंग संस्थाओं को डाटा लीक रोकने के प्रयास करने की जरूरत है।

तरीका 

कैसे की जाती है ठगी?

डाटा मिलने के बाद साइबर अपराधी बैंककर्मी बनकर फर्जी कॉल करते हैं और खाते से संदिग्ध लेनदेन होने की बात कह कर डराने की रणनीति अपनाते हैं। इसके बाद आपकी पहचान सत्यापन के लिए वन टाइम पासवर्ड (OTP) या कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (CVV) जैसी संवेदनशील जानकारी देने के लिए उकसाया जाता है। जैसे ही उन्हें इनमें से कोई कोड मिलता है तो उनके लिए धोखाधड़ी करना आसान हो जाता है। इसके बाद आपके खाते से पैसा उड़ जाता है।

बचाव 

जालसाजों से ऐसे करें बचाव 

इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए बैंक से आने वाले किसी तरह के डराने वाले कॉल पर भरोसा नहीं करें और इसकी पुष्टि कॉल सेंटर पर कर सकते हैं। संदिग्ध नंबर से कॉल आए तो तुरंत काट दें। कॉल, सोशल मीडिया या अविश्वसनीय वेबसाइट पर कभी भी OTP, CVV या पिन साझा नहीं करें। असली बैंक कभी इस तरह की जानकारी नहीं मांगते। खाते में असामान्य गतिविधि की तुरंत सूचना बैंक और साइबर क्राइम हेल्पलाइन को दें।