
#NewsBytesExplainer: स्टेपल वीजा को लेकर भारत-चीन के बीच विवाद; जानें ये होता क्या है
क्या है खबर?
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के बाद अब वीजा को लेकर विवाद छिड़ गया है। दरअसल, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के लिए चीन जा रहे कुछ भारतीय खिलाड़ियों को चीन ने स्टेपल वीजा जारी कर दिया।
इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई और टीम को ही चीन नहीं भेजने का फैसला लिया है। भारत सरकार ने कड़े शब्दों में कहा है कि चीन का ये कदम अस्वीकार्य है।
आइए समझते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।
शुरुआत
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
चीन के चेंग्दू शहर में 28 जुलाई से 8 अगस्त तक वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन होना है। भारत ने इन खेलों में भाग लेने के लिए 12 सदस्यीय वुशु टीम को भेजने का फैसला लिया था।
इस टीम के 3 सदस्य अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। चीन ने टीम के बाकी सदस्यों को तो सामान्य वीजा जारी किया था, लेकिन अरुणाचल प्रदेश के 3 खिलाड़ियों को स्टेपल वीजा जारी कर दिया।
वजह
चीन ने ऐसा क्यों किया?
दरअसल, चीन स्टेपल वीजा उन इलाकों के लोगों को जारी करता है, जिन इलाकों को अपना बताता है। चीन तिब्बत को खुद का हिस्सा बताता है और अरुणाचल प्रदेश को भी तिब्बत का हिस्सा मानता है।
इसी वजह से यहां के लोगों को चीन स्टेपल वीजा जारी करता है। इससे पहले भी कई बार चीन ऐसा कर चुका है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी चीन स्टेपल वीजा जारी करता है।
भारत
चीन के इस कदम पर भारत ने क्या कहा?
चीन के इस कदम पर भारत ने पूरी टीम को ही एयरपोर्ट से वापस बुला लिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमारे संज्ञान में आया है कि चीन में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन में भारत के कुछ खिलाड़ियों को चीन की ओर से स्टेपल वीजा जारी किया गया था। ये अस्वीकार्य है। हमने इस मुद्दे पर चीनी अधिकारियों के सामने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है।"
स्टेपल वीजा
स्टेपल वीजा क्या होता है?
स्टेपल वीजा में एक कागज पर मुहर और यात्रा का उद्देश्य लिखकर उसे पासपोर्ट के साथ स्टेपल कर दिया जाता है। इसीलिए इसे स्टेपल वीजा कहते हैं।
सामान्य वीजा में पासपोर्ट के ऊपर ही मुहर और यात्रा के उद्देश्य संबंधी जानकारी लिखी जाती है। स्टेपल वीजाधारक जब यात्रा खत्म कर देश वापस लौटता है तो उसके पासपोर्ट से ये कागज फाड़ दिया जाता है। यानी पासपोर्ट पर यात्रा से जुड़ी कोई जानकारी मौजूद नहीं होती।
विरोध
स्टेपल वीजा का विरोध क्यों करता है भारत?
स्टेपल वीजाधारक के देश लौटने पर उसका वीजा, एंट्री और एग्जिट पास भी फाड़ दिया जाता है। पासपोर्ट में भी इस यात्रा की कोई जानकारी नहीं होती है। इससे सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो जाता है।
चीन अगर अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लोगों को स्टेपल वीजा जारी कर रहा है, इसका मतलब है कि वो इन दोनों क्षेत्रों को भारत का हिस्सा नहीं मानता है। देश की संप्रभुता के लिए यह एक तरह की चुनौती है।
वीजा
चीन ने पहले कब-कब जारी किए स्टेपल वीजा?
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब चीन ने भारतीयों को स्टेपल वीजा जारी किए हैं। साल 2011 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 5 कराटे खिलाड़ियों को स्टेपल वीजा जारी किया था।
2013 में भी चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 2 तीरंदाजों को स्टेपल वीजा जारी किया था। 2009 से चीन जम्मू-कश्मीर के लोगों को इसी तरह के वीजा जारी कर रहा है।
जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को भी चीन ने स्टेपल वीजा जारी किए थे।