भारत और चीन अब पत्रकारों को लेकर आमने-सामने, जानें क्या है विवाद
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बाद भारत और चीन के बीच अब पत्रकारों को लेकर विवाद बढ़ गया है। चीन ने भारत पर पत्रकारों के वीजा रिन्यू नहीं करने का आरोप लगाया है। चीन ने इसके बदले सख्त कदम उठाने की चेतावनी भी दी है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि दोनों देशों ने एक-दूसरे के पत्रकारों को अपने-अपने देश से बाहर निकाल दिया है।
भारत में अब चीन का एक भी पत्रकार नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ और ब्रॉडकास्टर CCTV के 2 पत्रकारों का वीजा रिन्यू करने से इनकार कर दिया था। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "भारत ने अभी भी देश में अंतिम चीनी पत्रकार का वीजा रिन्यू नहीं किया है। इसके बाद भारत में चीनी पत्रकारों की संख्या शून्य होने के करीब है।"
चीन ने भी भारत के 2 पत्रकारों को निकाला
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने भी भारत के 2 पत्रकारों को निकाल दिया है। इनमें एक पत्रकार अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' के लिए काम करते हैं, जबकि दूसरे प्रसार भारती से हैं। इससे पहले चीन ने 2 पत्रकारों का वीजा रिन्यू करने से इनकार कर दिया था और एक पत्रकार का पंजीकरण रद्द होने की बात कही थी। चीन ने इस पूरे विवाद के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है।
चीन ने लगाया पत्रकारों के साथ भेदभाव का आरोप
चीन ने भारत पर चीनी पत्रकारों के साथ सालों से भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया है। माओ ने कहा, "चीनी पत्रकारों के साथ वर्षों से भारत में अन्यायपूर्ण और भेदभावपूर्ण व्यवहार होता रहा है। 2017 में भारत ने बिना किसी वजह से चीन पत्रकारों की वीजा अवधि घटाकर कम कर दी थी। भारत की तरफ से लगातार किये जा रहे दमन के जवाब में चीन को उचित कार्रवाई करनी पड़ी। चीन के पास और कोई चारा नहीं था।"
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
2016 में चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के 3 पत्रकारों ने गृह मंत्रालय की अनुमति के बिना एक तिब्बती बस्ती का दौरा किया था। इसके बाद भारत ने इन पत्रकारों को देश से निकाल दिया था। इसके बाद पत्रकारों को मिलने वाले वीजा की अवधि भी कम कर दी गई। पहले एक साल के लिए वीजा जारी किया जाता था, जिसे घटाकर 3 महीने कर दिया गया। इसके बाद से ही मामले में दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है।
मामले पर भारत का क्या कहना है?
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीन समेत सभी विदेशी पत्रकार भारत में अपना काम बिना किसी परेशानी के जारी रख सकते हैं। उन्होंने कहा, "भारत देश में काम करने वाले विदेशी पत्रकारों का समर्थन करता है और उन्हें सुविधा देता है। हम आशा करते हैं कि चीनी अधिकारी चीन में काम और रिपोर्टिंग करने वाले भारतीय पत्रकारों को सुविधा प्रदान करेंगे और दोनों पक्ष इस मुद्दे को लेकर संपर्क में रहेंगे।"