#NewsBytesExplainer: चीन धरती में 10 किलोमीटर गहरा छेद क्यों कर रहा है?
क्या है खबर?
अंतरिक्ष की ऊंचाईयों में कामयाबी के बाद चीन अब धरती की गहराई में खजाना ढूंढ़ने की कोशिश कर रहा है। चीन के वैज्ञानिक देश के सबसे तेल समृद्ध क्षेत्र शिनजियांग में धरती के भीतर 10 किलोमीटर (32,808 फीट) गहरा छेद कर रहे हैं।
मंगलवार को इस मिशन की शुरुआत की गई। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि शिनजियांग में अब तक के सबसे गहरे छेद के लिए ड्रिलिंग करना शुरू कर दिया गया है।
चट्टान
10 से अधिक चट्टानी परतों से होकर गुजरेगा छेद
रिपोर्ट के अनुसार, जमीन के अंदर ये छेद बेहद पतली शाफ्ट से किया जा रहा है, जो 10 से अधिक चट्टान की परतों से होकर गुजरेगा।
इस शाफ्ट में धरती की सतह के भीतर मौजूद क्रेटेशियस सिस्टम तक पहुंचने की क्षमता है, जिसमें लगभग 14.5 करोड़ साल पुरानी चट्टानें हैं।
बता दें कि हाल ही में चीन ने अपना पहला नागरिक अंतरिक्ष यात्री गोबी रेगिस्तान से अंतरिक्ष के लिए रवाना किया था।
कठिनाई
कितना कठिन है अभियान?
चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के वैज्ञानिक सन जिनशेंग ने कहा, "इस ड्रिलिंग अभियान में आने वाली कठिनाई की तुलना 2 पतले स्टील के तारों पर ट्रक चलाने से की जा सकती है। इस काम में भी कुछ ऐसी ही मुश्किलें हैं।"
बता दें कि ये गड्ढा तारिमू बेसिन में किया जा रहा है। इस इलाके में अक्सर भीषण धूल भरी आंधी चलती रहती है। इस वजह से भी इस अभियान की कठिनाई बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
मकसद
क्या है चीन का मकसद?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अभियान के पीछे चीन का मकसद पृथ्वी के भीतर पाए जाने वाले खनिजों और ऊर्जा संसाधनों की पहचान करना है।
परियोजना पर काम कर रहे टेक्निकल एक्सपर्ट वांग चुनशेंग ने कहा, "इससे पृथ्वी के अनजाने पहलुओं के बारे में जानकारी मिलेगी और धरती के बारे में इंसानी समझ को भी और व्यापकता मिलेगी। इससे भूकंप, ज्वालामुखी, जलवायु परिवर्तन, हजारों साल पुरानी घटनाओं और उनके इतिहास को ज्यादा बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।"
खर्च
अभियान में कितना खर्च आने का अनुमान?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, छेद के लिए विशेष तौर से डिजाइन किए गए शाफ्ट का इस्तेमाल कर किया जा रहा है। इस शॉफ्ट में धरती की सतह के भीतर अत्यधिक गर्मी और दबाव को सहन करने की क्षमता है। इस शॉफ्ट में अलग-अलग तरह के सेंसर लगे हैं, जो डाटा इकट्ठा करेंगे।
अभियान में कुल 1 अरब डॉलर की राशि खर्च होने का अनुमान है। उम्मीद है कि 2026 तक ये परियोजना पूरी हो जाएगी।
राष्ट्रपति
अभियान के लिए कहां से मिली प्रेरणा?
बता दें कि साल 2021 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रमुख वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पृथ्वी की गहराई में खोजबीन करने का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा था कि इस तरह के काम खनिज और ऊर्जा संसाधनों की खोज में मदद कर सकते हैं और भूकंप और ज्वालामुखी जैसी पर्यावरणीय आपदाओं के जोखिमों का आंकलन करने में मददगार साबित होंगे।
माना जा रहा है कि राष्ट्रपति के इसी आह्वान के बाद ये अभियान शुरू हुआ है।
गड्ढा
अभी कहां है सबसे गहरा मानव-निर्मित छेद?
अभी पृथ्वी पर सबसे गहरा मानव-निर्मित छेद 'कोला सुपरडीप बोरहोल' है। यह रूस और नॉर्वे की सीमा के पास है।
इस छेद को 24 मई, 1970 को तत्कालीन सोवियत संघ के वैज्ञानिकों ने खोदना शुरू किया था। करीब 20 साल की खुदाई के बाद 1989 में वैज्ञानिक इसे 12,262 मीटर (40,230 फुट) खोद पाए थे। इसके बाद मशीनों के काम न करने की वजह से खुदाई रोकनी पड़ी।
अंतरिक्ष
चीन ने कल ही अंतरिक्ष में भेजा पहला नागरिक
बता दें कि चीन ने 30 मई को मानवयुक्त अंतरिक्ष यान शेनझोउ-16 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यान ने उत्तर-पश्चिम चीन के गोबी रेगिस्तान में जियुक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से उड़ान भरी।
इसमें पहली बार एक आम नागरिक समेत 3 अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा गया है। ये तीनों यात्री चीन के अंतरिक्ष केंद्र में मौजूद वर्तमान यात्रियों की जगह लेंगे।
2021 से अब तक 5 बार चीन अपने अंतरिक्ष केंद्र में यात्रियों को भेज चुका है।