#NewsBytesExplainer: विनाशकारी अंतःस्फोट क्या होता है, जो टाइटन पनडुब्बी में विस्फोट की वजह बना?
क्या है खबर?
समुद्र में डूबे टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने पहुंची टाइटन पनडुब्बी में विस्फोट हो गया था। इस हादसे में पनडुब्बी में सवार सभी 5 लोगों की मौत हो गई।
22 जून को बचाव दल को पनडुब्बी का मलबा टाइटैनिक के पास पड़ा मिला।
पनडुब्बी का निर्माण करने वाली कंपनी ओशनगेट ने भी इस बात की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि विनाशकारी अंतःस्फोट से पनडुब्बी में विस्फोट हो गया।
आइए जानते हैं कि ये क्या होता है।
विनाशकारी अंतःस्फोट
क्या होता है विनाशकारी अंतःस्फोट?
आसान भाषा में समझें तो जब किसी बंद जगह के अंदर अत्यधिक दबाव बनता है तो ये विस्फोट के रूप में बाहर की ओर निकलता है। इसे ही विनाशकारी अंतःस्फोट कहा जाता है।
इसे आप एक गुब्बारे के उदाहरण से समझ सकते हैं। जब आप गुब्बारे में ज्यादा हवा भर देते हैं तो अंदर दबाव बढ़ जाता है, इस वजह से गुब्बारा फूट जाता है। मोटे तौर पर यही विनाशकारी अंतःस्फोट होता है।
विस्फोट
विनाशकारी अंतःस्फोट की वजह से पनडुब्बी में कैसे विस्फोट हुआ?
टाइटैनिक का मलबा समुद्र में लगभग 3,800 मीटर की गहराई पर पड़ा हुआ है। इतनी गहराई पर वायुमंडलीय दबाव 6,000 पाउंड प्रति वर्ग इंच (psi) होता है। ये एक बड़ी शार्क के जबड़ों द्वारा लगने वाले दबाव से भी कहीं ज्यादा है।
माना जा रहा है कि इतनी गहराई में जाकर पनडुब्बी की दीवारें इस दबाव को सहन नहीं कर पाईं और विस्फोट के बाद टूट गईं।
वजह
पनडुब्बी में विस्फोट होने की बात क्यों कही जा रही है?
खोज अभियान के दौरान 2 जगह पनडुब्बी का मलबा मिला है। इसके अलावा जिस दिन पनडुब्बी ने अपना सफर शुरू किया था, उसी दिन अमेरिकी नौसेना ने तेज शोर सुना था। इस आधार पर निष्कर्ष निकाला जा रहा है कि पनडुब्बी में विस्फोट हुआ था।
हालांकि, पनडुब्बी के हादसे का शिकार होने की सटीक वजह जांच के बाद ही सामने आएगी और ओशनगेट का कहना है कि वो मलबे की जांच के बाद ही कुछ कह पाएगी।
गहराई
पनडुब्बी कितनी गहराई तक पहुंच सकती थी?
ओशनगेट के मुताबिक, टाइटन पनडुब्बी पानी में 4,000 मीटर की गहराई तक पहुंचने की क्षमता रखती थी।
हालांकि, 2018 में कंपनी के समुद्री संचालन के निदेशक डेविड लोक्रिज ने टाइटन की क्षमता के बारे में चिंता जताते हुए कहा था कि इसे और परीक्षण की जरूरत है।
बाद में ये मामला कोर्ट भी गया था, तब खुलासा हुआ था कि टाइटन केवल 1,300 मीटर तक की गहराई में ही जा सकती है।
लोग
पनडुब्बी में कौन-कौन सवार था?
पनडुब्बी में 5 लोग सवार थे, जिनमें इसे बनाने वाली कंपनी ओशनगेट के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) स्टॉकटन रश भी शामिल हैं।
इसके अलावा पनडुब्बी में पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश कारोबारी शहजादा दाऊद और उनका 19 वर्षीय बेटा सुलेमान भी सवार थे।
फ्रांसिसी नौसेना के पूर्व गोताखोर पॉल-हेनरी नार्गोलेट और ब्रिटेन के अरबपति कारोबारी हामिश हार्डिंग भी पनडुब्बी में सवार थे। नार्गोलेट 1987 में टाइटैनिक के खोजी अभियान का हिस्सा रह चुके हैं।
लापता
कैसे लापता हुई पनडुब्बी?
पनडुब्बी ने 18 जून की शाम को कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के तट के पास समुद्र में गोता लगाया था।
अमेरिकी तटरक्षक के मुताबिक, पनडुब्बी के गोता लगाने के करीब 1 घंटे 45 मिनट बाद पनडुब्बी का इसके सहायक जहाज पोलर प्रिंस से संपर्क टूट गया।
पिछले 4 दिनों से अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और ब्रिटेन साथ मिलकर एक बहुराष्ट्रीय खोज अभियान चला जा रहे थे, जिसे अब खत्म करने की घोषणा कर दी गई है।