
#NewsBytesExplainer: डोनाल्ड ट्रंप के घर कौन-से गोपनीय दस्तावेज मिले और उन पर लगे आरोप क्या हैं?
क्या है खबर?
गोपनीय दस्तावेजों से जुड़े मामले में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
अब ट्रंप पर लगे संघीय आरोपों को पहली बार सार्वजनिक किया गया है। इसमें ट्रंप को 37 गंभीर अपराधों में आरोपी बनाया गया है।
साथ ही ट्रंप के घर से जो गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए हैं, उनकी भी जानकारी सामने आई है।
समझते हैं ट्रंप पर क्या आरोप लगे हैं और बरामद हुए दस्तावेजों में क्या है।
आरोप
ट्रंप पर क्या आरोप लगे हैं?
49 पन्नों के अभियोग में ट्रंप पर 37 आरोप लगाए गए हैं। इनमें से 31 चार्ज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेजों को पास रखने के हैं।
अभियोजकों ने उन पर अमेरिकी परमाणु और रक्षा कार्यक्रमों से जुड़े बेहद गोपनीय दस्तावेज अवैध रूप से रखने का आरोप लगाया। उन पर जांच में बाधा डालने का भी आरोप है।
इन 37 आरोपों में राष्ट्रीय रक्षा सूचनाओं को जानबूझकर छिपाना, न्याय में बाधा डालने की साजिश और झूठे बयान देना भी शामिल हैं।
दस्तावेज
ट्रंप के घर से बरामद दस्तावेजों में क्या जानकारियां थीं?
अभियोग में कहा गया है कि ट्रंप के घर से जो दस्तावेज बरामद हुए हैं, उनमें अमेरिका और विदेशों की रक्षा और हथियारों की क्षमताओं, परमाणु हथियार, सैन्य हमले के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों की संभावित कमजोरियों, जासूसी उपग्रहों और किसी विदेशी हमले के जवाब में संभावित प्रतिक्रिया की योजना के बारे में जानकारी है।
ये दस्तावेज सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA), नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) और अमेरिकी रक्षा विभाग समेत कई अहम विभागों से संबंधित हैं।
सहयोगी
ट्रंप के सहयोगी पर भी लगे आरोप
ट्रंप के एक निजी सहयोगी वॉल्ट नौटा के खिलाफ भी आरोप दायर किए गए हैं। वॉल्ट को दस्तावेजों को छिपाने में ट्रंप की मदद करने के लिए 6 मामलों में आरोपी बनाया गया है।
इसके अलावा न्याय में बाधा डालने की साजिश, रिकॉर्ड रोकना, दस्तावेजों को छुपाना और गलत बयान देने जैसे आरोप भी वॉल्ट पर लगे हैं।
अभियोग के अनुसार, ट्रंप ने वॉल्ट को दस्तावेजों से भरे एक डिब्बे को वकील और जांचकर्ताओं से छिपाने के लिए कहा था।
शॉवर
ट्रंप ने शॉवर और बॉलरूम में छिपाए दस्तावेज
ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने इन दस्तावेजों को लापरवाही से शॉवर और बॉलरूम जैसी असुरक्षित जगहों पर छिपाया था।
बॉलरूम में इस दौरान कई प्रोग्राम भी हुए, जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
अभियोग में कहा गया है कि बैडमिंस्टर के अपने गोल्फ क्लब में ट्रंप ने विदेशी हमले से निपटने की योजना से जुड़ा गोपनीय दस्तावेज लोगों को दिखाया था।
ट्रंप ने 2 बार ये दस्तावेज ऐसे लोगों को दिखाए, जिन्हें इन्हें देखने की अनुमति नहीं थी।
बाइडन
मामले पर जो बाइडन का क्या कहना है?
ट्रंप पर हो रही कार्रवाई को रिपब्लिकन नेता बदले की और राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। रिपब्लिकन नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर न्याय आयोग का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के तौर पर करने का आरोप लगाया है।
इस पर बाइडन ने कहा कि न्याय आयोग के अटॉर्नी जनरल से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई और ना ही उनका बात करने का इरादा है।
बता दें मामले में ट्रंप को 13 जून को पेश होना है।
मामला
क्या है मामला?
दरअसल, ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद वे व्हाइट हाउस से अपने साथ कई गोपनीय दस्तावेज ले गए थे। अमेरिकी कानून के मुताबिक ऐसा करना अपराध है।
कानून कहता है कि निवर्तमान राष्ट्रपति को व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले सभी गोपनीय दस्तावेजों को राष्ट्रीय अभिलेखागार और अभिलेख प्रशासन (NARA) को सौंपने होते हैं।
NARA को पता चला कि ट्रंप अपने साथ कुछ गोपनीय दस्तावेज ले गए हैं, जिसके बाद एजेंसी ने इन्हें लौटाने की अपील की थी।
चुनाव
क्या दोषी पाए जाने पर राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ पाएंगे ट्रंप?
अमेरिकी कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो अभियोग का सामना कर रहे या दोषी पाए गए व्यक्ति को राष्ट्रपति चुनावों में खड़े होने या राष्ट्रपति बनने से रोकता हो।
यानी अगर ट्रंप इस मामले में दोषी पाए गए तो भी वे अगले साल होने वाला राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकते हैं।
इसके अलावा ट्रंप पर हश मनी, रेप, मानहानि, हिंसा और चुनाव में धांधली जैसे कई मामले और चल रहे हैं।