कनाडा: संसद में उठा हिंदू मंदिरों पर हमले का मामला, सांसद बोले- बढ़ते हिंदूफोबिया से दुखी
ब्रैम्पटन प्रांत में गौरी शंकर मंदिर पर हुए हमले का मुद्दा कनाडा की संसद में उठाया गया। बुधवार को भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने मंदिर पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे एक घृणित अपराध बताया। आर्य ने कहा, "कनाडा में बढ़ते हिंदूफोबिया से हिंदू कनाडाई बहुत दुखी हैं।" उन्होंने इसे एक खतरनाक प्रवृत्ति बताते हुए सरकार से हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने का आह्वान किया है।
क्या था मामला?
बता दें कि 31 जनवरी को कनाडा के ब्रैम्पटन प्रांत स्थित गौरी शंकर मंदिर पर हमला किया गया था। इस दौरान अज्ञात हमलावरों ने मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी चित्र बनाए थे और यहां तोड़फोड़ भी की थी। इस हमले के बाद से कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के हिंदुओं में आक्रोश है और उन्होंने सरकार से मामले को गंभीरता से लेने को कहा है। इससे पहले भी यहां हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया था।
सांसद बोले- शारीरिक हमलों में बदल जाता है हिंदूफोबिया
कनाडा में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के सांसद आर्य ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि हिंदूफोबिया शारीरिक हमलों में बदल जाता है। इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया था, 'ब्रैम्पटन में गौरी शंकर मंदिर पर हमला कनाडा में हिंदू और भारत विरोधी समूहों द्वारा मंदिरों पर किए गए हमलों में सबसे नया है। सोशल मीडिया पर नफरत के बाद अब हिंदू मंदिरों पर शारीरिक हमले, आगे क्या? मैं कनाडा सरकार से इसे गंभीरता से लेने की मांग करता हूं।'
टोरंटो स्थित भारतीय दूतावास ने भी की हमले की निंदा
टोरंटो स्थित भारतीय दूतावास ने भी बीते मंगलवार को गौरी शंकर मंदिर में हुई तोड़फोड़ की घटना की निंदा की थी। दूतावास ने अपने बयान में कहा था कि मंदिर में हुई इस घटना से कनाडा में रह रहे भारतीय हिंदू समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस हमले को लेकर सोशल मीडिया पर भारतीय हिंदू कनाडाई संगठन अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं और इस घटना को लेकर उन्होंने ट्वीट किए हैं।
पिछले साल भी हो चुकी हैं ऐसी कई घटनाएं
कनाडा में पिछले साल जुलाई में भी रिचमंड हिल स्थित विष्णु मंदिर में अज्ञात हमलावरों ने महात्मा गांधी की मूर्ति को खंडित कर दिया गया था। इसके बाद सिंतबर में यहां टोरंटो स्थित बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर पर कथित खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने हमला करते हुए मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे थे। इन घटनाओं पर भारत सरकार ने आपत्ति जताते हुए कनाडा सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की थी।