टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए महिला ने खर्च किए दो करोड़ रुपये
क्या है खबर?
हम सभी की जिंदनी में कुछ सपने होते हैं, जिन्हें हम सब पूरा करना चाहते हैं। लेकिन कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं क्योंकि उन्हें पूरा करने में शायद हम उतनी सहनशीलता नहीं दिखा पाते।
वहीं अमेरिका में रहने वाली एक महिला ने मेहनत और सब्र के साथ अपने सपने को पूरा किया है।
उन्होंने टाइटैनिक के मलबे को देखने की यात्रा पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च किए, जिसे वह पिछले 30 सालों से जमा कर रही थीं।
मामला
क्या है पूरा मामला?
रेनाटा रोहास नामक अमेरिकी महिला ने उत्तर अटलांटिक महासागर में डूबे टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए 2.5 लाख डॉलर (लगभग दो करोड़ रुपये) खर्च किए हैं। इतनी बड़ी रकम इकट्ठा करने में उन्हें 30 साल लग गए।
कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उनकी यह ख्वाहिश थी कि वो टाइटैनिक को नजदीक से देखें। अब उनका ये सपना पूरा हो गया है और वह बहुत खुश हैं कि उनकी मेहनत और लगन का फल उन्हें मिल गया।
यात्रा
डूबे हुए टाइटैनिक तक कैसे गई महिला?
BBC के अनुसार, महिला एक खास तरह की पनडुब्बी के जरिए अन्य चार लोगों के साथ पानी के अंदर गई और टाइटैनिक जहाज का सामने से दीदार किया।
इन सभी लोगों ने इस यात्रा के लिए लगभग दो-दो करोड़ रुपये खर्च किए।
पनडुब्बी को टाइटैनिक के मलबे तक पहुंचने में करीब दो घंटे का समय लगा।
BBC ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इसका एक वीडियो भी पोस्ट किया है।
चाहत
महिला को है टाइटैनिक से खास लगाव
रेनाटा को बचपन से ही समुद्र बहुत पसंद है और टाइटैनिक से उन्हें हमेशा अलग किस्म का लगाव रहा है।
जब रेनाटा छोटी थी तब टाइटैनिक के मलबे की खोज नहीं हो पाई थी। वे चाहती थीं कि वे खुद टाइटैनिक मलबे को खोजने वाली पहली इंसान बने, इसलिए उन्होंने कॉलेज में समुद्र विज्ञान का विकल्प चुना।
उनके एडमिशन के एक हफ्ते बाद ही टाइटैनिक का मलबा खोज निकाला गया। इस वजह से उन्होंने अपना करियर बदलकर बैंकिंग चुन लिया।
सपना
सपना पूरा करने के लिए महिला ने नहीं की शादी
करियर बदलने के बाद भी रेनाटा के मन में टाइटैनिक जहाज देखने की ख्वाहिश जिंदा रही।
रेनाटा हमेशा सोचती थीं कि टाइटैनिक के नजदीक वो कैसे पहुंचें। इसके लिए उन्होंने 30 साल तक अपने पैसे बचाए।
अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए रेनाटा किसी भी तरह की दिक्कत या रुकावट अपनी जिंदगी में नहीं लाना चाहती थीं। इसी कारण उन्होंने शादी नहीं की, कार नहीं ली और न ही दूसरी चीजों में पैसे खर्च किए।
इतिहास
टाइटैनिक ने की थी अपनी पहली और आखिरी यात्रा
टाइटैनिक जहाज 10 अप्रैल, 1912 को ब्रिटेन के साउथेम्प्टन बंदरगाह से न्यूयॉर्क जा रहा था, तभी उत्तर अटलांटिक महासागर में एक हिमखंड से टकरा गया।
हिमखंड से टकराने के बाद टाइटैनिक डूब गया था और इसके दो टुकड़े हो गए गए।
इसका मलबा 3.8 किलोमीटर की गहराई में समा गया था। इस हादसे में करीब 1,500 लोग मारे गए थे।
टाइटैनिक की यह पहली और आखिरी यात्रा थी।