
रूस की राजधानी मॉस्को पर ड्रोन हमला, पुतिन बोले- हम NATO से जंग के लिए तैयार
क्या है खबर?
रूस की राजधानी मॉस्को पर हुए ड्रोन हमले के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आगबबूला हो गए हैं। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि वे उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) से जंग के लिए तैयार हैं। ड्रोन हमलों के लिए रूस का विदेश मंत्रालय पहले भी NATO को जिम्मेदार ठहरा चुका है।
बता दें कि मॉस्को पर 3 ड्रोन हमलों में इमारत को नुकसान पहुंचा है और एक शख्स के घायल होने की खबर है।
हमले
रूस पर बढ़े ड्रोन हमले
बता दें कि इस महीने रूस पर ये तीसरा ड्रोन हमला है। शुक्रवार को रूस ने कहा था कि उसने यूक्रेन की सीमा से लगे दक्षिणी रोस्तोव क्षेत्र में 2 यूक्रेनी मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया है।
जुलाई की शुरुआत में ड्रोन हमले के बाद वनुकोवो एयरपोर्ट पर उड़ानों को रोका गया था। तब रूस ने कहा था कि उसने 5 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया है। हालांकि, किसी भी ड्रोन हमले में जान का कोई नुकसान नहीं हुआ।
ट्विटर पोस्ट
मॉस्को पर ड्रोन हमले का वीडियो
🚨Video: Tonight Ukraine use drone strikes against Russia.
— The Calvin Coolidge Project (@TheCalvinCooli1) July 30, 2023
pic.twitter.com/uwJZRD0PhL
ड्रोन
रूस ने 3 ड्रोन इंटरसेप्ट करने का किया दावा
रूस का कहना है कि आज रात मॉस्को पर 3 ड्रोन के जरिए हमला किया गया, जिसमें से एक को क्रैश कर दिया गया और बाकी 2 ड्रोन एक इमारत से जाकर टकरा गए।
रूसी विदेश मंत्रालय ने इसे आतंकी हमला करार दिया है। हमले के बाद रूस की समाचार एजेंसी TASS ने कहा कि वनुकोवो एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही बंद कर दी गई है। सड़क यातायात भी रोका गया है।
सऊदी
शांति वार्ता आयोजित करेगा सऊदी अरब
यूक्रेन युद्ध में शांति लाने के प्रयासों के तहत सऊदी अरब ने यूक्रेन शांति वार्ता आयोजित करने का फैसला लिया है। 5 और 6 अगस्त को जेद्दा में होने वाली शांति वार्ता में भारत को भी मध्यस्थता करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, शांति वार्ता में इंडोनेशिया, मिस्र, मैक्सिको, चिली और जाम्बिया सहित 30 विकासशील और प्रमुख पश्चिमी देशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
रूस
रूस बोला- हमने शांति वार्ता को खारिज नहीं किया
इससे पहले अफ्रीकी देशों ने रूस और यूक्रेन के सामने जंग खत्म करने के लिए शांति समझौते पेश किया था। तब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि रूस के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती, जब तक रूसी सेना हमारे क्षेत्र से वापस नहीं लौट जाती।
अब पुतिन ने कहा कि वे शांति वार्ता के किसी भी प्रयास को खारिज नहीं किया है, लेकिन दोनों पक्षों में सहमति होना जरूरी है।