बेलारूस में रणनीतिक परमाणु हथियार तैनात कर सकेगा रूस, दोनों देशों में हुआ समझौता
रूस ने गुरुवार को बेलारूस में रणनीतिक परमाणु हथियारों की तैनाती की औपचारिक पुष्टि के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। रूस ने कहा कि बेलारूस में परमाणु हथियारों की तैनाती पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव के कारण की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा, "रूस और बेलारूस की पश्चिमी सीमाओं पर हमलों के खतरे की संभावना के कारण परमाणु हथियारों को जवाबी कार्रवाई के लिए तैनात किया जाएगा।"
रूस के हाथों में रहेगी परमाणु हथियारों की कमान
समाचार एजेंसी TASS के हवाले से रूसी रक्षा मंत्री शोइगु ने कहा कि रूस हथियारों और उनके इस्तेमाल के किसी भी फैसले पर नियंत्रण बनाए रखेगा और जो मिसाइलें परमाणु हथियार ले जा सकती हैं, उन्हें बेलारूस की सेना को सौंप दिया गया है। शोइगु ने कहा कि कुछ सुखोई-25 विमानों को परमाणु हथियारों के संभावित उपयोग के लिए परिवर्तित कर दिया गया है और बेलारूसी सैनिकों ने रूसी प्रशिक्षण केंद्रों में आवश्यक प्रशिक्षण भी प्राप्त कर लिया है।
दोनों देशों में और क्या-क्या समझौते हुए?
रूसी रक्षा मंत्री ने कहा कि बेलारूस के साथ किए गए समझौतों में बेलारूसी क्षेत्र में परमाणु हथियारों के लिए विशेष भंडारण सुविधा का निर्माण और युद्ध के लिए बेलारूसी सैनिकों को प्रशिक्षित करना भी शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के रणनीतिक परमाणु हथियार बहुत ही अत्याधुनिक हैं, जो युद्ध होने पर पूरे शहरों को तबाह करने में सक्षम हैं। हालांकि, अभी रूस ने यह खुलासा नहीं किया है कि उसके पास कितने रणनीतिक परमाणु हथियार हैं।
मार्च में यूक्रेन युद्ध के चलते पुतिन ने की थी घोषणा
अपने पड़ोसी देश बेलारूस में परमाणु मिसाइलों की तैनाती की घोषणा पहली बार मार्च में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की थी। पिछले साल यूक्रेन पर हमला करने के बाद से पुतिन ने बार-बार कहा है कि रूस अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर परमाणु हथियारों का उपयोग करने के लिए तैयार है। उस वक्त उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ने पुतिन के इस बयान की निंदा करते हुए इसे 'खतरनाक' और 'गैर-जिम्मेदाराना' बताया था।
15 महीने से रूस और यूक्रेन के बीच जारी है युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले साल 24 फरवरी से युद्ध जारी है और इसे 15 महीने से अधिक का समय हो गया है। इस दौरान वैश्विक समुदाय ने कई मौकों पर पुतिन से युद्ध रोकने का आग्रह किया है, लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण अभी भी जारी है। इस युद्ध में दोनों तरफ के हजारों सैनिकों की मौत हुई है और लाखों यूक्रेनी नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है। पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन में रूसी हमले बढ़े हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस, यूक्रेन, बेलारूस और कजाकिस्तान चार नए स्वतंत्र देश बने थे। इन 3 देशों ने 1996 में सभी परमाणु हथियार रूस को सौंप दिये थे। इसके बाद यह पहली बार होगा जब रूस किसी दूसरे देश में अपने परमाणु हथियार तैनात कर रहा है। बेलारूस यूक्रेन के अलावा NATO के सदस्य, पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया, के साथ सीमा साझा करता है, इसलिए अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ गई है।