रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के साथ आखिरी परमाणु संधि भी निलंबित की
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध पर आज अपने देश की संसद को संबोधित किया। पुतिन ने अपने संबोधन में पश्चिमी देशों पर गंदी राजनीति के आरोप लगाते हुए कहा कि मॉस्को ने शांतिपूर्ण तरीकों से डोनबास की समस्याओं को हल करने के लिए हरसंभव प्रयास किया। उन्होंने कहा कि युद्ध यूक्रेन के नागरिकों के लिए खिलाफ नहीं, बल्कि शासन के खिलाफ है। पुतिन ने अमेरिका के साथ आखिरी परमाणु संधि निलंबित करने का ऐलान भी किया।
पुतिन बोले- संधि तोड़ने के लिए मुझे किया गया मजबूर
यूक्रेन युद्ध की पहली वर्षगांठ से पहले दिए गए भाषण में पुतिन ने परमाणु हथियारों को लेकर रूस-अमेरिका की संधि निलंबित करने की घोषणा करते हुए कहा, "मुझे आज यह घोषणा करने के लिए मजबूर किया गया है कि रूस अपने परमाणु हथियारों में कटौती को लेकर की गई संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित कर रहा है।" पुतिन का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की यूक्रेन यात्रा के एक दिन बाद आया है।
पुतिन ने पश्चिमी देशों पर लगाए गंभीर आरोप
पुतिन ने कहा कि डोनबास में जो कुछ हो रहा था, उसके बारे में पश्चिमी देशों ने झूठी और गलत बयानबाजी से अपने ही लोगों को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिम का उद्देश्य असीमित शक्ति प्राप्त करना है और क्रीमिया के सेवस्तोपोल शहर के बाद उनका अगला लक्ष्य डोनबास था, लेकिन रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा कर लिया। उन्होंने कहा, "मैं दोहराना चाहता हूं, उन्होंने युद्ध शुरू किया और हमने इसे रोकने के लिए बल प्रयोग किया।"
"यूक्रेनी सरकार पश्चिमी देशों के हितों को कर रही पूरा"
पुतिन ने कहा, "यूक्रेनी लोग अपने पश्चिमी आकाओं के बंधक बन गए थे और पश्चिमी देशों ने यूक्रेन की राजनीति, अर्थव्यवस्था और सेना पर कब्जा कर लिया।" पुतिन ने आरोप लगाया कि यूक्रेन की सरकार अपने हितों को छोड़कर विदेशी शक्तियों के हितों को पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश स्थानीय संघर्ष को वैश्विक संघर्ष में बदलने की कोशिश कर रहे हैं और वह इसका उचित जवाब देंगे।
पुतिन बोले- अमेरिका ने रूस को किया नजरअंदाज
पुतिन ने कहा कि उन्हें पश्चिमी देशों से बातचीत में कोई दिक्कत नहीं है और उन्होंने शांतिपूर्वक कई सालों तक डोनबास का मुद्दा सुलझाने की कोशिश की, लेकिन अमेरिका और अन्य विदेशी ताकतें इसका समाधान नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने रूस को हमेशा से नजरअंदाज किया है। उन्होंने कहा, "दुनिया के अन्य देशों में सबसे ज्यादा सैन्य ठिकाने भी अमेरिका के ही हैं और वह शांति की अपील करता है तो सबको इस बारे में सोचना पड़ेगा।"
रूस ने अमेरिका के साथ कौन सी संधि तोड़ी?
साल 2010 में रूस और अमेरिका ने 'स्टार्ट संधि' पर हस्ताक्षर किये थे, जो 10 सालों के लिए की गई थी। 2021 में बाइडन द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद इसे अगले 5 सालों के लिए और बढ़ा दिया गया था। यह संधि दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करने को लेकर हुई थी। इसके तहत दोनों देश अपने पास एक तय सीमा तक ही परमाणु हथियार रख सकते थे।