रूस से बढ़ते खतरे के बीच ब्रिटेन में परमाणु हथियार तैनात कर सकता है अमेरिका- रिपोर्ट
क्या है खबर?
रूस से तनातनी के बीच अमेरिका बड़ा कदम उठा सकता है। वह ब्रिटेन में अपने परमाणु हथियार तैनात कर सकता है। अखबार द टेलीग्राफ ने पेंटागन से जुटाए खुफिया दस्तावेजों के हवाले से यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये हथियार 1945 में जापान के हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम से 3 गुना ज्यादा खतरनाक हैं।
बता दें कि अमेरिका ने 2008 में ब्रिटेन से परमाणु हथियार हटाए थे।
जगह
कहां तैनात किए जा सकते हैं हथियार?
रिपोर्ट के मुताबिक, इन हथियारों को सफोल्क में रॉयल एयरफोर्स (RAF) के लैकेनहीथ एयरबेस पर तैनात किया जा सकता है। द टेलीग्राफ ने जो दस्तावेज देखे हैं, उनमें लैकेनहीथ एयरबेस पर एक नई परमाणु हथियार सुविधा के लिए अनुबंध की जानकारी है।
ये घटनाक्रम उस योजना का हिस्सा है, जिसमें रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) ब्रिटेन में योजनाबद्ध तरीके से हथियारों को तैनात कर रहा है।
बम
B61-12 ग्रेविटी बमों को तैनात कर सकता है अमेरिका
रिपोर्ट के मुताबिक, लेकनहीथ में जिस तरह की गतिविधियां हैं, उससे संभावना है कि यहां B61-12 ग्रेविटी बमों को तैनात किया जा सकता है। इन बमों की परिवर्तनीय क्षमता 50 किलोटन तक होती है। पहले यहां B61-3/4 बमों को रखा गया था।
इसके अलावा एयरबेस पर परमाणु हमला करने में सक्षम F-35A लाइटनिंग जेट की तैनाती किए जाने की उम्मीद है। दस्तावेजों में कहा गया है कि परमाणु मिशन की योजना 'जल्द ही' लेकनहीथ में होगी।
संकेत
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिए थे संकेत
पिछले साल अक्टूबर में अधिकारियों ने ज्यादा क्षमता के साथ एक नया B61 बम विकसित करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस से अनुमति मांगी थी।
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा था कि अधिक शक्तिशाली हथियार होने से राष्ट्रपति को कठिन और बड़े क्षेत्र वाले लक्ष्यों के खिलाफ अतिरिक्त विकल्प मिलेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कहा था कि उनका देश 'सुरक्षा माहौल में बदलाव का जवाब देने के लिए यूरोप में अपनी ताकत बढ़ाएगा'।
रूस
मामले पर रूस का क्या कहना है?
पिछले साल RAF लैकेनहीथ में जब अमेरिका ने सुरक्षाकर्मियों के रहने के लिए आवास बनाने का बजट स्वीकृत किया था, तब रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा था, "अगर यह कदम उठाया जाता है, तो हम इसे 'उकसावे' के रूप में देखेंगे। ये यूरोपीय देशों से सभी परमाणु हथियारों को वापस लेने के महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित करने के बिल्कुल विपरीत है।"
रूस ने इस प्रस्तावित पहल का जवाब देने की भी बात कही थी।
प्वस
न्यूजबाइट्स प्लस
NATO एक सैन्य रक्षा संगठन है, जिसमें यूरोप और उत्तरी अमेरिका के कई देश शामिल हैं। इसका गठन 1949 में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित 12 देशों ने किया था।
उस समय इसका उद्देश्य सोवियत संघ के विस्तार को रोकना था, लेकिन समय के साथ इसके उद्देश्य बदलते गए। फिलहाल 31 देश इसके सदस्य हैं।
स्वीडन और फिनलैंड ने भी इसका सदस्य बनने के लिए आवेदन कर रखा है। स्वीडन जल्द ही इसमें शामिल हो सकता है।