NSG की सदस्यताः चीन ने फिर अड़ाया भारत की राह में रोड़ा
चीन ने एक बार फिर भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) का सदस्य बनने की राह में रोड़ा अटका दिया है। चीन ने प्रकिया का हवाला देेते हुए कहा कि कार्यसूची में NSG में भारत की सदस्यता पर विचार करने का बिंदु नहीं है। इसलिए इस मामले में कोई चर्चा नहीं होगी। कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में NSG की बैठक चल रही है। बता दें, चीन 2016 से भारत के NSG में पहुंचने का रास्ता रोक रहा है।
सहमति के लिए कोई समयसीमा नहीं
चीन ने कहा कि भारत को लेकर आम सहमति बनाने के लिए वह कोई समयसीमा नहीं बता सकता। जानकारी के लिए बता दें कि इस समूह में किसी नए सदस्य को शामिल करने के लिए मौजूदा सभी सदस्यों की सहमति जरूरी है। चीन इसी नियम का फायदा उठाते हुए भारत का रास्ता रोक रहा है। चीन का कहना है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए है इसलिए वह इस समूह का हिस्सा नहीं बन सकता।
क्या है परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह
NSG ऐसे परमाणु सामग्री आपूर्तिकर्ता देशों का समूह है जो परमाणु हथियारों के निर्माण में काम आने वाली सामग्री, उपकरण और तकनीक के निर्यात को नियंत्रित कर परमाणु हथियार के निर्माण रोकने की दिशा में काम कर रहा है। इसका उद्देश्य है कि ऐसे देशों के हाथ परमाणु सामग्री न लगे जो आतंकी सगंठनों को यह उपलब्ध करा दे। अगर ऐसा होगा तो पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा हो जाएगा। इस समूह में फिलहाल 48 देश है।
चीन के अलावा ये देश भारत के विरोध में
चीन के अलावा न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया और आयरलैंड भी इस समूह में भारत की दावेदारी का विरोध कर रहे हैं। इन देशों का कहना है कि भारत ने NPT पर साइन नहीं किए हैं इसलिए नियमों के तहत भारत NSG का सदस्य नहीं बन सकता। वहीं चीन एशिया महाद्वीप में अपनी उपस्थिति को मजबूत बनाए रखना चाहता है। हालांकि, चीन ने कहा है कि चीन भारत का रास्ता नहीं रोक रहा बल्कि नियमों की बात कर रहा है।
पाकिस्तान ने भी किया है आवेदन
पाकिस्तान ने भी 2016 में भारत का दावा कमजोर करने के लिए NSG सदस्य की दावेदारी जताई थी। दोनों ही देशों ने NPT पर साइन नहीं किए हैं। हालांकि, NSG के कई सदस्य भारत के नाम पर सहमत है, लेकिन चीन समेत कई देशों के विचार अलग हैं। वहीं कजाखस्तान, तुर्की, बेलारूस जैसे देश NSG की सदस्यता के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों का समर्थन कर रहे हैं। भारत को इसकी सदस्यता पाने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने होंगे।
NSG का सदस्य बनने पर क्या होगा फायदा
अगर भारत NSG का सदस्य बनता है तो उसे दुनिया के दूसरे परमाणु ईंधन संपन्न देशों से बड़ी मात्रा में परमाणु ईंधन खरीदने की छूट मिल जाएगी। अगर ऐसा होगा तो भारत इसका इस्तेमाल गैर परमाणु उद्देश्य जैसे ऊर्जा उत्पादन आदि में कर सकता है।