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अमेरिका: बच्चा बनकर रहती है महिला, करती है पालने में सोने और डायपर पहनने जैसे कार्य
शिशुओं का जीवन जीती है अमेरिका की महिला

अमेरिका: बच्चा बनकर रहती है महिला, करती है पालने में सोने और डायपर पहनने जैसे कार्य

लेखन अंजली
Jan 15, 2024
03:41 pm

क्या है खबर?

छोटे बच्चों का जीवन बहुत सरल होता है क्योंकि उन्हें खाने-पीने और सोने के अलावा ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता, लेकिन क्या आपने किसी को वयस्क अवस्था में शिशुओं की तरह रहते हुए देखा है? अमेरिका की 29 वर्षीय महिला एक वयस्क होकर भी बच्चे के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर रही है। इसके लिए वह डायपर पहनने से लेकर पालने में सोने जैसी गतिविधियों का पालन करती है। आइए इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।

मामला

डायपर पर प्रति माह लगभग 24,000 रुपये खर्च करती है महिला

महिला का नाम पैगी मिलर है, जो अपने हर दिन की शुरुआत पालने में जागने से करती है। सुबह डायपर बदलने के बाद वह अपना समय खिलौनों के साथ खेलने और नर्सरी में वयस्क शिशु और डायपर प्रेमियों (ABDL) के लिए ऑनलाइन कंटेट बनाने में बिताती है। बता दें कि पैगी डायपर पर प्रति माह लगभग 24,000 रुपये खर्च करती है। साथ ही बच्चे की तरह जीवन जीने के लिए तरह-तरह के अन्य खर्चे भी करती है।

जानकारी

जीवनशैली को अपने लिए सामान्य बनाना चाहती है पैगी

पैगी ने साल 2018 में शिशुओं की जीवनशैली को अपनाया और साल 2020 में बताया कि उनका लक्ष्य इसे खुद के लिए सामान्य बनाना है। द मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, पैगी का ऐसा रहन-सहन न केवल घर के अंदर है, बल्कि बाहर जाते समय भी है और अपने खिलौनों को भी वह अपने पास रखती हैं। पैगी का कहना है कि वह उन लोगों की नकारात्मकता से डरती नहीं है, जो उसकी जीवनशैली को नहीं समझते हैं।

बयान

परिवार और दोस्तों ने किया समर्थन- पैगी

पैगी ने कहा कि वह हमेशा अपने खिलौनों को इकट्ठा करती रही है और उसकी इस जीवनशैली का समर्थन उसका परिवार और दोस्त भी करते हैं। उसने बताया, "मैनें यह देखने के लिए इंटरनेट पर सर्च भी किया कि क्या मेरे जैसे अन्य लोग भी हैं या नहीं। साथ ही मैंने एक यूट्यबू चैनल और वेबसाइट भी बनवाई, जो लोगों को वयस्क शिशु के जीवन जीने के तरीके के बारे में बताने के लिए हैं।"

बयान

अपने शौक के जरिए खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रख पाती हूं- पैगी

पैगी ने बताया कि उसको अपने फॉलोअर्स से सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिलती है, लेकिन कुछ लोगों को यह समझ में नहीं आता कि एक वयस्क एक बच्चे की तरह व्यवहार करना या जीना क्यों चाहता है। हो सकता है कि इन चीजों से उसे खुशी मिलती हो। उसने यह भी कहा कि उसे पता है कि वयस्कों के ऊपर कई जिम्मेदारियां होती हैं, लेकिन अपनी इच्छा को पूरा करने से मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।