उत्तर कोरिया की जमीन पर कदम रखने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने ट्रम्प, किम से मिले
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को उत्तर कोरिया की जमीन पर कदम रखते हुए वहां के तानाशाह किम जोंग उन से मुलाकात की। इसके साथ ही ट्रम्प अपने दुश्मन देश उत्तर कोरिया की जमीन पर कदम रखने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं। दोनों नेताओं की ये प्रतीकात्मक मुलाकात उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच स्थित डीमिलिटराइज्ड जोन (DMZ) में हुई। दोनों दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से भी मिले।
ट्रम्प और किम ने मिलाया हाथ
क्या है DMZ?
4 किलोमीटर चौड़ा और 250 किलोमीटर लंबा DMZ वो जगह है, जहां 1950-53 के कोरियाई युद्ध का सीजफायर हुआ था। इसे शीत युद्ध का अंतिम सीमा भी माना जाता है। दोनों ही देशों ने यहां कोई सेना तैनात नहीं की है।
उत्तर कोरियाई क्षेत्र में कई कदम अंदर गए ट्रम्प
कोरियाई प्रायद्वीप को दक्षिण और उत्तर कोरिया को बांटने वाली रेखा पर ट्रम्प ने किम से हाथ मिलाया। इसके बाद वह उत्तर कोरियाई क्षेत्र में कई कदम अंदर चले गए और दोबारा हाथ मिलाया। दोनों नेता इसके बाद साथ में दक्षिण कोरियाई क्षेत्र में गए और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से मिले। किम और मून ने भी एक-दूसरे से हाथ मिलाया। बता दें कि इन दोनों देशों को भी एक-दूसरे का दुश्मन माना जाता है।
ट्रम्प ने ट्विटर पर दिया था मुलाकात का प्रस्ताव
ट्रम्प ने इस मौके पर कहा, "यह दुनिया के लिए बहुत बड़ा दिन है और यहां उपस्थित होना मेरे लिए सम्मान की बात है। बहुत सारी अच्छी चीजें हो रही हैं।" बता दें कि शनिवार को ट्रम्प ने ट्वीट करते हुए किम को DMZ में मिलने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा था, "हम केवल हाथ मिलाएंगे और हैलो कहेंगे क्योंकि वियतनाम के बाद हम एक-दूसरे से मिले नहीं हैं।" किम ने जल्द ही प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।
क्या है अमेरिका और उत्तर कोरिया के रिश्तों का इतिहास?
जहां दक्षिण कोरिया अमेरिका का पुराना सहयोगी है, वहीं उत्तर कोरिया से उसके रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे। उत्तर कोरिया पर चीन का प्रभाव ज्यादा माना जाता है, लेकिन उसकी भी अपनी सीमाएं हैं। उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षणों के कारण अमेरिका और उसके बीच रिश्ते और खराब हो गए। उत्तर कोरिया अब तक 6 परमाणु परीक्षण कर चुका है और ऐसी मिसाइलें भी बनाई हैं, जो परमाणु हथियारों के साथ अमेरिका तक मार कर सकती हैं।
असफल रहीं थीं ट्रम्प और किम के बीच मुलाकात
परमाणु परीक्षणों को लेकर दोनों देशों के बीच खूब बयानबाजी हुई और कई बार अपमानजनक शब्द भी बोले गए। ट्रम्प खुद इस मसले पर बेहद आक्रामक रहे हैं और उत्तर कोरिया को खत्म करने की धमकी दे चुके हैं। परमाणु परीक्षणों को लेकर ट्रम्प और किम के बीच सिंगापुर और वियतनाम में दो बैठकें भी हुईं, जिनका कोई परिणाम नहीं निकला। अमेरिका चाहता है कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियार बनाने के अपने प्रयासों को बंद कर दे।