वैज्ञानिक का दावा, एक दिन 1,000 साल से अधिक जी सकेंगे इंसान; खोज रहे इलाज
अभी बहुत कम ऐसे लोग हैं जो 100 साल लंबे जीवन का आनंद ले पाते हैं, लेकिन अगर जीवनकाल 100 साल की बजाय 1,000 साल से भी अधिक लंबा हो जाए तो आपको कैसे लगेगा? यकीनन इस सवाल से आप थोड़ा चौंक गए होंगे, लेकिन उम्र बढ़ने के अनुसंधान में शामिल वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में 1,000 साल से अधिक समय तक जीवित रहना संभव होगा। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
"मौत का इलाज" करने में जुटे वैज्ञानिक
इस अनुसंधान में ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फ्लेमेशन एंड एजिंग के प्रोफेसर जोआओ पेड्रो डी मैगल्हेस शामिल हैं। वह अपना जीवन मौत का इलाज करने के लिए समर्पित कर रहे हैं। उनका मानना है कि एक दिन 1,000 साल या उससे ज्यादा का जीवनकाल संभव होगा। इतना ही नहीं, उनका कहना है कि हम तेजी से ऐसे समय के करीब पहुंच रहे हैं, जिसमें उम्र बढ़ने से जुड़ी कुछ कोशिकाओं की रीप्रोग्रामिंग संभव हो सकती है।
कैसे आया विचार?
जानकारी के मुताबिक, मैगल्हेस जब बहुत छोटे थे तो उनके परदादा की निमोनिया से मृत्यु हो गई थी। हालांकि, जब उन्हें बचपन में यही बीमारी हुई तो पेनिसिलिन की खुराक से वह ठीक हो गए। उस दौरान उन्हें पता चला कि एक दिन हर कोई बूढ़ा हो जाएगा और फिर मर जाएगा। यही कारण है कि उन्होंने कम उम्र में ही सोच लिया था कि उनके जीवन का लक्ष्य बुढ़ापे और मृत्यु पर काबू पाने का है।
उम्र बढ़ने को बीमारी के रूप में देखते हैं वैज्ञानिक
मीडिया से बात करते हुए मैगल्हेस ने कहा कि मृत्यु सबसे बड़ी सच्चाई है, लेकिन अगर वह उम्र बढ़ने का इलाज कर सकेंगे तो इससे पूरी दुनिया बदल जाएगी। बता दें कि मैगल्हेस इलाज शब्द का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि वह उम्र बढ़ने को एक बीमारी के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा, "जिस तरह हम कैंसर और डिमेंशिया के इलाज की खोज कर रहे हैं, उसी तरह हमें उम्र बढ़ने के इलाज के लिए ऐसा करना चाहिए।"
बढ़ती उम्र को रोक सकता है रैपामाइसिन
इलाज के बारे में बात करते हुए मैगल्हेस ने 'रैपामाइसिन' का जिक्र किया, जिसे सिरोलिमस भी कहा जाता है। यह अर्ध-अमरता की कुंजी हो सकती है। कई प्रयोगशाला अध्ययनों में रैपामाइसिन के इस्तेमाल से चूहे जैसे कई जानवरों के जीवनकाल को प्रभावी ढंग से 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। इसका इस्तेमाल कैंसर रोगियों के इलाज और अंग प्रत्यारोपण की अस्वीकृति को रोकने के लिए भी किया जाता है।
रैपामाइसिन जीवनकाल को बढ़ाने में कैसे काम करता है?
जानकारी के मुताबिक, रैपामाइसिन ऑटोफैगी को बढ़ाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जो कोशिकाओं के अंदर गैरजरूरी, असामान्य और क्षतिग्रस्त घटकों को हटा देती है और कोशिकाओं को तनाव से मुक्त रखती है। यह कोशिकाओं की परिपक्वता को धीमा कर देता है, जिससे मैगल्हेस को लगता है कि यह भविष्य में इंसानों की लंबी उम्र में योगदान कर सकता है। हालांकि, इससे चक्कर आना, पैरों में सूजन और मुंह में छाले जैसे दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
मृत्य लोगों को भी ठीक करना चाहते हैं वैज्ञानिक
मैगल्हेस का लक्ष्य उन लोगों के जीवन को भी बढ़ाना है, जो पहले ही मर चुके हैं। उन्हें विश्वास है कि अगर मृत शरीरों को गहराई तक जमा दिया जाए, तो भविष्य में विज्ञान की प्रगति उन्हें पुनर्जीवित और ठीक कर सकती है।
न्यूजबाइट्स प्लस
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पिछले 2 दशकों में वैश्विक स्तर पर औसत उम्र में 6 साल से अधिक की वृद्धि हुई है। सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन का कहना है कि 1971 में हांगकांग में जन्म के समय औसत उम्र पुरुषों के लिए 67.8 वर्ष और महिलाओं के लिए 75.3 वर्ष से बढ़कर 2022 में 81.3 वर्ष और 87.2 वर्ष हो गई है।