Page Loader
रूस के लूना-25 मिशन का लैंडर हुआ नष्ट, चांद की सतह से टकराने से हुई दुर्घटना 
रूस का चांद मिशन लूना-25 चांद की सतह से टकराकर हुआ दुर्घटनाग्रस्त

रूस के लूना-25 मिशन का लैंडर हुआ नष्ट, चांद की सतह से टकराने से हुई दुर्घटना 

लेखन रजनीश
Aug 20, 2023
03:45 pm

क्या है खबर?

रूस के चांद मिशन लूना-25 का लैंडर नष्ट हो गया है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने बताया कि लूना-25 प्री-लैंडिंग मैन्युवर के दौरान एक घटना के बाद चांद पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। शुरुआती निष्कर्षों के अनुसार, चांद की सतह से टकराने के बाद लैंडर पूरी तरह से नष्ट हो गया है। रोस्कोस्मोस ने एक बयान में कहा कि लूना-25 के साथ कंट्रोल रूम का कम्युनिकेशन शनिवार दोपहर 2:57 बजे टूट गया था।

वजन

असफल रहे संपर्क करने के उपाय

रिपोर्ट के मुताबिक, यान का पता लगाने और उससे संपर्क करने के लिए 19 और 20 अगस्त को किए गए उपाय असफल रहे। 800 किलोग्राम वजन वाले लूना-25 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, जो इतिहास में पहली बार होता। बता दें कि वर्ष 1976 में लूना-24 भेजने के बाद रूस ने चांद मिशन का प्रयास नहीं किया था। अब लूना-25 के जरिए उसने कई साल बाद चांद पर उतरने का प्रयास किया था।

रूस

लोग जता रहे थे ये आशंकाएं

इससे पहले रोस्कोस्मोस ने लूना-25 से जुड़ी जानकारी दी थी कि यह तकनीकी खामी के कारण चांद के अपने निर्धारित प्री-लैंडिंग ऑर्बिट में प्रवेश करने में सफल नहीं हो सका। इसके बाद से ही लूना-25 को लेकर रूसी इंटरनेट में कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे थे। कई लोग लूना-25 के खोने की बात कह रहे थे। कुछ का तर्क था कि यदि लूना-25 से जुड़ी कोई बड़ी दिक्कत नहीं होती तो अंतरिक्ष एजेंसी इसका जिक्र ही नहीं करती।

लॉन्च

11 अगस्त को लॉन्च किया गया था लूना-25

बता दें कि रूस ने लगभग 47 वर्ष बाद 11 अगस्त, 2023 को चांद मिशन लूना-25 को लॉन्च किया था। मॉस्को से इसकी लॉन्चिंग सोयुज 2.1 बी रॉकेट से की गई थी। लूना-25 के लैंडर की 21 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड करने की उम्मीद थी। हालांकि, अब लूना-25 के लैंडर के नष्ट होने की खबर रूस के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक बड़ा झटका है।

रिपोर्ट

रोस्कोस्मोस के प्रमुख ने मिशन के सफलता की जताई थी 70 प्रतिशत संभावना

एक रिपोर्ट के मुताबिक, जून में रोस्कोस्मोस के प्रमुख यूरी बोरिसोव ने लूना-25 मिशन को हाई रिस्क वाला बताया था। उन्होंने कहा था कि इस मिशन के सफल होने की 70 फीसदी संभावना है। दरअसल, चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग एक बड़ी चुनौती होती है। सॉफ्ट लैंडिंग के लिए सटीक नेविगेशन गाइडेंस, सही समय पर थ्रस्टर का चलना और सही समय पर उसका धीमा होना बहुत जरूरी है। एक गड़बड़ी मिशन को एक झटके में फेल कर देती है।