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अमेरिका ने बदली अपनी नीति, संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन की जगह रूस का समर्थन
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिका ने रूस का साथ दिया (फाइल तस्वीर)

अमेरिका ने बदली अपनी नीति, संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन की जगह रूस का समर्थन

लेखन गजेंद्र
Feb 25, 2025
09:03 am

क्या है खबर?

अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही वाशिंगटन ने अपनी विदेश नीति में बड़ा परिवर्तन किया है। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगियों द्वारा प्रस्तुत 'यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति को आगे बढ़ाना' के मसौदा प्रस्ताव पर यूक्रेन के खिलाफ और रूस के समर्थन में मतदान किया। 193 सदस्यीय महासभा में पेश मसौदे के खिलाफ कुल 18 वोट पड़े, जिसमे अमेरिका भी शामिल था।

समर्थन

यूक्रेन के पक्ष में कितने पड़े वोट, भारत रहा अनुपस्थित

महासभा में पेश मसौदा प्रस्ताव में कुल 93 देशों ने यूक्रेन के समर्थन में वोट किया है, जबकि भारत, अर्जेंटीना, संयुक्त अरब अमीरात, चीन और ईरान समेत 65 देश अनुपस्थित रहे। भारत ने मतदान में हिस्सा न लेकर तनाव कम करने, शत्रुता को शीघ्र समाप्त करने और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान करने का आह्वान किया है। मसौदे के विरोध में अमेरिका, रूस, बेलारूस, माली, इजरायल, सूडान, उत्तर कोरिया समेत 18 देश शामिल हैं।

प्रस्ताव

मसौदे में क्या है?

मसौदा प्रस्ताव में रूस की कड़ी आलोचना की गई और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और उसकी सीमाओं की अनुल्लंघनीयता पर जोर दिया गया। मसौदे में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि रूसी संघ द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण 3 वर्षों से जारी है, जिससे न केवल यूक्रेन बल्कि अन्य क्षेत्रों और वैश्विक स्थिरता पर भी विनाशकारी और दीर्घकालिक परिणाम होंगे। प्रस्ताव में रूसी आक्रमण की निंदा करने और कब्जे वाले क्षेत्र को वापस करने की मांग शामिल थी।

ट्विटर पोस्ट

UNGA में मतदान

टकराव

ट्रंप के जीतने के बाद अमेरिका और यूक्रेन में बढ़ रही दूरी

अमेरिका में राष्ट्रपति के पद पर ट्रंप के बैठने के बाद यूक्रेन के साथ उनके रिश्तों में खटास बढ़ती दिख रही है, जबकि अतीत में अमेरिका यूक्रेन के पक्ष में और मास्को की निंदा करने वाले प्रस्तावों के लिए मतदान कर चुका है। ट्रंप की यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की को लेकर कड़वाहट उस दिन दिखाई पड़ी, जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जेलेंस्की को 'बिना चुनाव का तानाशाह' कह दिया था। उन्होंने युद्ध जल्द खत्म करने का आह्वान किया था।