डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में क्यों वापस लाना चाहते हैं कागज की जगह प्लास्टिक के स्ट्रॉ?
क्या है खबर?
अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुर्सी संभालते ही कई विवादित कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन पर्यावरण को लेकर उनके फैसले सवाल उठा रहे हैं।
ट्रंप ने पहले पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को बाहर किया और अब देश में कागज की जगह दोबारा से प्लास्टिक स्ट्रॉ शुरू करने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने यह फैसला सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए।
आइए, जानते हैं ट्रंप के प्लास्टिक स्ट्रॉ से जुड़े फैसले का कारण।
आदेश
क्या है ट्रंप का फैसला?
रिपब्लिकन ट्रंप सोमवार को डेमोक्रेटिक पूर्ववर्ती जो बाइडन के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें उन्होंने 2035 तक सरकारी एजेंसियों में स्ट्रॉ जैसे एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के बर्तनों को खत्म करने के लक्ष्य रखा था।
पर्यावरणविदों के लंबे समय से प्लास्टिक के स्ट्रॉ और अन्य बर्तनों के उपयोग को समाप्त करने के लिए चल रहे अभियान के बाद बाइडन ने पिछले साल यह आदेश जारी किया था।
ट्रंप ने सरकारी एजेंसियों से इनकी खरीद प्रतिबंधित करने को कहा है।
बयान
कागज के स्ट्रॉ से ट्रंप को क्या है परेशानी?
ओवल ऑफिस में ट्रंप ने आदेश जारी करते हुए कहा कि वह प्लास्टिक स्ट्रॉ पर वापस जा रहे हैं क्योंकि कागज स्ट्रॉ काम नहीं करते, ये कई बार टूट और फट जाती हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई चीज गर्म है, तो ये कुछ सेकेंड भी नहीं टिकती। यह एक हास्यास्पद स्थिति है।
उनको नहीं लगता कि प्लास्टिक शार्क को प्रभावित करेगा क्योंकि वे समुद्र में अपना रास्ता बनाते हुए भोजन कर रहे होते हैं।
वजह
कागज स्ट्रॉ बंद करने की असली वजह क्या है?
ट्रंप द्वारा कागज स्ट्रॉ बंद करने की वजह पूर्व डेमोक्रेट राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के समय से जुड़ी है। उस समय ओबामा ने प्लास्टिक के विरोध में कई फैसले लिए थे।
इसके बाद ट्रंप आए और उन्होंने कई फैसलों को पलट दिया। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने कागज स्ट्रॉ के विरोध में ब्रांडेड प्लास्टिक स्ट्रॉ बेचे थे और लाखों डॉलर कमाए थे।
उन्होंने 'मेकिंग अमेरिका ग्रेट अगेन' की तरह 'मेकिंग स्ट्रॉ ग्रेट अगेन' नारा भी दिया था।
घातक
प्लास्टिक स्ट्रॉ कितना खतरनाक?
BBC के मुताबिक, विश्व में हर साल 38 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जिसमें 2.30 करोड़ टन कचरा पर्यावरण में पहुंचता है और 1.70 करोड़ टन कचरा समुद्र में पहुंचता है।
एक अध्ययन के मुताबिक, प्लास्टिक में 16,000 से अधिक केमिकल होते हैं, जिसमें 3,200 से अधिक केमिकल कैंसर का कारण बनते हैं। इसका हार्मोन पर भी बुरा असर पड़ता है।
वैसे ब्राजील की एक अध्ययन रिपोर्ट में कागज स्ट्रॉ को भी पर्यावरण के लिए नुकसानदेह बताया है।